इस आर्टिकल में हम जानेंगे गिलहरी (Squirrel)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Squirrel in Hindi के बारे में जानेंगे।
    गिलहरी एक छोटा सा, फुर्तीला जानवर होता है जो ज़्यादातर पेड़ों पर ही दिखता है। इसकी पूंछ लंबी और घनी होती है, जिससे इसे बैलेंस बनाने और बात करने में मदद मिलती है। गिलहरी बहुत चालाक होती है और चीज़ें छुपाकर रखने की आदत के लिए जानी जाती है। इससे धरती पर बीज फैलते हैं और नए पौधे उगते हैं। ये बीज, फल, नट और कीड़े वगैरह खाती है, मतलब ये शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होती है।

गिलहरी की विशेषताएं क्या है? Types of squirrels



🐿️गिलहरी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है, जहाँ इसे 'छाया पूँछ' कहा जाता था। जितनी भी पेड़ पर रहने वाली गिलहरियाँ हैं, वो सब 'साइउरस' परिवार से हैं। 'साइउरस' शब्द ग्रीक के दो शब्दों - 'स्किया' (छाया) और 'ओउरा' (पूँछ) - को मिलाकर बना है। ऐसा कहा जाता है कि ये नाम इसलिए रखा गया क्योंकि पेड़ वाली गिलहरियाँ अक्सर अपनी लंबी और घनी पूँछ की छाया में छिप जाती हैं।

🐿️गिलहरी परिवार में स्तनधारियों की जितनी प्रजातियां हैं, उतनी शायद ही किसी और परिवार में हैं। इसमें 278 से ज़्यादा अलग-अलग तरह की गिलहरियाँ हैं, जो 51 समूहों में बंटी हुई हैं।

🐿️ गिलहरी ठंडे टुंड्रा से लेकर गरम वर्षावनों तक, हर जगह मिल जाती हैं। खेत हों, शहर हों या कोई रिहायशी इलाका, ये आपको हर जगह दिख जाएंगी।

🐿️गिलहरियाँ, आकार में काफ़ी अलग-अलग होती हैं। जो अफ़्रीका की छोटी गिलहरी होती है, वो बस 5 इंच (13 सेंटीमीटर) की होती है। पर जो भारत की बड़ी गिलहरी या चीन की लाल और सफ़ेद उड़ने वाली गिलहरी होती हैं, वो 3 फ़ीट (लगभग एक मीटर) से भी ज़्यादा लंबी होती है।

🐿️गिलहरियों के सामने के चार दाँत हमेशा बढ़ते रहते हैं, करीब 6 इंच हर साल। यही वजह है कि वो लगातार कुछ न कुछ कुतरती रहती हैं, वरना उनके दाँत बहुत जल्दी खराब हो जाएंगे।

🐿️आमतौर पर गिलहरियाँ अकेले ही रहती हैं, पर जब बहुत ठंड पड़ती है तो वे झुंड बनाकर एक साथ घोंसले में रहती हैं। गिलहरियों के झुंड को स्करी या ड्रे कहते हैं।

🐿️गिलहरी अपने मजबूत पैरों से अपने शरीर से दस गुना ज्यादा दूर तक कूद सकती है।

गिलहरी की आवाज कैसी होती है | Interesting facts about squirrels


🐿️गिलहरियाँ आपस में कई तरह की आवाज़ें निकालकर बातें करती हैं, जैसे कि चहचहाना या भौंकना। मज़े की बात तो ये है कि वो अपनी पूँछ का भी इस्तेमाल करती हैं! वो पूँछ हिलाकर दूसरी गिलहरियों को इशारा कर सकती हैं।

🐿️गिलहरी के पैरों में पसीने की ग्रंथियां होती हैं, और चाहे पैर पसीने से भरे हों या नहीं, वह 20 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।

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🐿️Indian Palm Squirrel 48 km/h की रफ्तार से दौड़ सकती है।

🐿️गिलहरी अपनी सूंघने की तेज शक्ति से बर्फ के नीचे दबे अपने खाने को भी ढूंढ लेती है।

गिलहरी का वजन कितना होता है | What does a squirrel eat


🐿️गिलहरियाँ कभी-कभी दूसरे जानवरों को बेवकूफ बनाने के लिए नाटक करती हैं कि वो खाना छुपा रही हैं। वो खाली गड्ढे खोदती हैं और उन्हें पत्तों से ढक देती हैं ताकि कोई उनका असली खाना न चुरा ले।

🐿️गिलहरियाँ इधर-उधर खाना छुपाती तो हैं, पर उन्हें हमेशा याद नहीं रहता कि कहाँ गाड़ा था। जो बीज और फल उन्हें नहीं मिलते, उनसे नए पेड़ उग जाते हैं। इसलिए जंगल में पेड़ों को बढ़ाने में गिलहरियों का बड़ा हाथ होता है।

🐿️गिलहरी अपने शरीर के आकर से छह गुना ज्यादा वजन उठा सकती है।

🐿️गिलहरियाँ 50 से भी ज़्यादा पेड़ को पहचान सकती हैं।

🐿️मलेशिया में पाई जाने वाली विशाल गिलहरी अच्छे से तैर सकती है। ये बस नदी ही नहीं पार करतीं, बल्कि पानी में मछली भी पकड़ लेती हैं!

🐿️कुछ गिलहरी की जातियाँ शिकारी को चकमा देने के लिए मरने का नाटक करती हैं। ऐसे में शिकारी अकसर उन्हें छोड़ देते हैं, इसे thanatosis भी कहते हैं।

🐿️दक्षिण अमेरिका में गिलहरी की कुछ जातियाँ नर और मादा आपस में बात करने के लिए गाने गाती हैं। नर गिलहरी, मादा को लुभाने के लिए बढ़िया धुनें निकालता है।

गिलहरी के बारे में रोचक तथ्य | Squirrel scientific name


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🐿️ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका को छोड़कर, ये हर महाद्वीप पर पाई जाती हैं।

🐿️गिलहरियाँ बिजली की लाइनों को कुतरने में माहिर हैं। पिछले 30 सालों में, अमेरिका में बिजली गुल होने की कई घटनाओं के लिए इन्हें ही जिम्मेदार ठहराया गया है। यहाँ तक कि 1987 और 1994 में NASDAQ स्टॉक मार्केट को भी कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था, क्योंकि गिलहरियों ने तारों को काट दिया था। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के अनुसार, गिलहरियों ने हैकर्स से ज़्यादा बार पावर ग्रिड को बंद किया है।

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🐿️टेक्सास में गिलहरियों का एक झुंड था, जो काली पूंछ वाले प्रेयरी डॉग्स थे। ये इलाका करीब 100 मील चौड़ा और 250 मील लंबा था। अनुमान है कि इसमें 40 करोड़ गिलहरियाँ रहती थीं।

🐿️1960 के दशक में रूस ने अंतरिक्ष में रिसर्च करते वक़्त गिलहरियों को ट्रेनिंग देने कि कोशिश की। वो देखना चाहते थे कि अंतरिक्ष में रहने से जीव-जंतुओं पर क्या असर होता है। भले ही ये Experiments उतने सफल नहीं रहे, पर इससे गिलहरियों के बारे में नई बातें पता चलीं।

🐿️अक्सर गिलहरियाँ अपनी पूंछ से हवा में हो रहे बदलाव को भांप लेती हैं। इसलिए कुछ लोग इन्हें weather detector भी कहते हैं, क्योंकि ये बारिश होने का अनुमान पहले से ही लगा लेती हैं।


निष्कर्ष:
गिलहरी एक छोटी, फुर्तीली और बुद्धिमान जीव है जो पेड़ों पर रहना पसंद करती है। यह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह बीजों को इधर-उधर ले जाकर नए पौधों के उगने में मदद करती है। गिलहरी की तेज़ गति, सतर्कता और मेहनती स्वभाव हमें सिखाता है कि जीवन में हमेशा सक्रिय, सजग और परिश्रमी रहना चाहिए।

      मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख गिलहरी (Squirrel) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Squirrel in Hindi यानी की गिलहरी का जीवन कैसा होता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba November 03, 2025
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    इस आर्टिकल में हम जानेंगे समानांतर ब्रह्मांड (Parallal Universe)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Parallal Universe in Hindi के बारे में जानेंगे।
       

   समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Universe) के समानांतर ब्रह्मांडों की अवधारणा भौतिकी (Physics) और ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology) में सबसे आकर्षक और मन को मोह लेने वाली संभावनाओं में से एक है। यह विचार उस मूलभूत प्रश्न से उपजा है कि क्या हमारा विशाल ब्रह्मांड ही सब कुछ है, या इसके अतिरिक्त भी अन्य वास्तविकताएँ (Realities) मौजूद हैं?


क्या समानांतर ब्रह्मांड सच मे है? What Is The Parallal Universe?


🌍 ब्रह्मांड विज्ञान की उस सीमा को छूती है जहाँ विज्ञान कल्पना से मिलता है। समानांतर ब्रह्मांडों को अक्सर बहु-ब्रह्मांड (Multiverse) सिद्धांत के एक भाग के रूप में देखा जाता है, जो यह प्रस्तावित करता है कि अनंत या विशाल संख्या में ब्रह्मांड एक साथ अस्तित्व में हो सकते हैं।

🌍समानांतर ब्रह्मांड का मतलब है कि हमारे ब्रह्मांड के साथ-साथ और भी कई ब्रह्मांड हो सकते हैं। इन ब्रह्मांडों में physical laws हमारे वाले से अलग हो सकते हैं। कहानी-किस्सों में ये एक ऐसी theory है जहाँ कई काल्पनिक ब्रह्मांड एक साथ होते हैं, और ये पात्रों द्वारा लिए गए विकल्पों के आधार पर बदल सकते हैं।और इसे वैकल्पिक ब्रह्मांड भी कहा जाता है।

🌍समानांतर ब्रह्मांड के बारे मे सबसे पहले ह्यूग एवरेट तृतीय जब वो युवा भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी थे, तब उन्होंने 1955 में "अनेक-विश्व व्याख्या" (Many-Worlds Interpretation) का सिद्धांत देकर कहा कि हर संभावना वास्तविक है और एक ही समय पर होती है।

🌍स्टीफन हॉकिंग भी मानते थे कि समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Univers) हो सकते हैं, और मरने से पहले उन्होंने इसीके बारे में एक शोध पत्र भी लिखा था।

🌍मैक्स टेगमार्क, जो कि एक ब्रह्माण्ड विज्ञानी हैं, उन्होंने ब्रह्मांडों को अलग-अलग तरह से समझने के लिए एक तरीका निकाला है। इसमें उन्होंने बताया कि कई स्तरों पर अलग-अलग ब्रह्मांड हो सकते हैं।

क्या मल्टीवर्स सच मे है? | Secrets of the Universe


🌍वैज्ञानिक कहते हैं कि पूरा ब्रह्मांड आपस में जुड़ा है। शायद कुछ हिस्से टूटकर नए बन गए, या दो टुकड़े टकराकर एक हो गए। इसी हिसाब से मुमकिन है कि किसी और ब्रह्मांड में, किसी और ग्रह पर, बिलकुल पृथ्वी जैसी ही चीजें हो रही हों!

🌍अभी तक, हमारे पास ये साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि समानांतर ब्रह्मांड हैं। ये मल्टीवर्स वगैरह, बस कहानियां ज्यादा हैं, सच कम। लेकिन ये एक ऐसा फील्ड है जिस पर अभी काम शुरू हुआ है।

🌍समानांतर ब्रह्मांड का जो विचार है , वो सिर्फ विज्ञान कथा वाले लेखकों ने ही नहीं दिया है। ये स्ट्रिंग थ्योरी और क्वांटम यांत्रिकी जैसे कुछ और सिद्धांतों से भी निकला है। यहां तक कि ब्रह्मांडीय मुद्रास्फीति की थ्योरी भी, जो हमारे ब्रह्मांड के बारे में खगोलविदों की आजकल की सोच का मुख्य हिस्सा है, वो भी समानांतर ब्रह्मांड होने की बात कहती है।

दूसरी दुनिया के सबूत | Interesting Facts about Parallel Universe


     समानांतर ब्रह्माण्ड के चार प्रकार 
     
1.एक ऐसा समानांतर ब्रह्माण्ड जो हमारे अपने ब्रह्माण्ड से गुणात्मक रूप से नया और भिन्न कुछ भी नहीं हो सकता।

2. एक ऐसा समानांतर ब्रह्माण्ड हो जिसमें भौतिकी के नियम ही अलग हों।

3. एक ऐसा समानांतर ब्रह्माण्ड जहाँ शायद भौतिकी के नियम तो वही हों, पर शुरुआत कुछ अलग तरीके से हुई हो।

4.एक ऐसा समानांतर ब्रह्माण्ड जहाँ भौतिकी के मूलभूत नियम तो एक समान हों, पर बाकी सब कुछ अलग हो।

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🌍कई लेखकों ने बरसों से सोचा है, अगर अनगिनत ब्रह्मांड हैं, तो कुछ में तो तुम्हारी जैसी हूबहू कॉपी ज़रूर होगी. पर ये तुम्हारे दूसरे रूप एकदम अलग दुनिया में रह रहे होंगे, क्योंकि ज़रूरी नहीं कि हर ब्रह्मांड में कुदरत के नियम एक जैसे हों.

🌍कुछ लोग मानते हैं कि ये दूसरे ब्रह्मांड एकदम अलग हैं और उनका हमारे ब्रह्मांड से कोई लेना-देना नहीं है। मतलब, आप उनसे कभी मिल नहीं पाएंगे, और न ही आपको पता चलेगा कि आपका कोई दूसरा 'आप' भी कहीं है।

🌍एक और सिद्धांत यह है कि बिग बैंग से शायद जितना मैटर बना, उतना ही एंटीमैटर भी बना होगा। और हो सकता है कि एंटीमैटर वाला हिस्सा समय में पीछे की ओर जाकर एक शीशे जैसे ब्रह्मांड का निर्माण करता हो।

🌍एक रिसर्च में नासा के एक प्रयोग (ANITA) के बारे में कुछ बातें सामने आईं। कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया कि शायद हमारे आस-पास ही एक और दुनिया है, जहाँ समय उल्टा चलता है।


निष्कर्ष:
            समानांतर ब्रह्मांड एक रोमांचक विचार है, ये असलियत को देखने का हमारा नज़रिया बदल देता है। विज्ञान में अभी बस बातें चल रही हैं, कोई पक्का सबूत नहीं है। आखिर में, समानांतर ब्रह्मांड हो भी सकते हैं और नहीं भी, और जब तक आगे कोई प्रयोगों मे कुछ पता न चले तब तक हमें बस अनुमान मे ही रहना होगा।


     मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख समानांतर ब्रह्माण्ड (Parallal Universe) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Multiverse Universe in Hindi यानी की बहु - ब्रह्मांड क्या है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba October 28, 2025
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   इस आर्टिकल में हम जानेंगे परछाईं (Shadow)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Shadow in Hindi के बारे में जानेंगे।
       

   परछाई तब बनती है जब कोई चीज़ रोशनी को रोकती है, जिससे उसके पीछे अंधेरा हो जाता है। रोशनी रुकने की वजह से उस चीज़ के उल्टी दिशा में उसकी शक्ल की एक छाया दिखती है।यह भौतिक विज्ञान (Physics) के सरलतम सिद्धांतों में से एक पर आधारित है।

परछाईं कैसे बनती है? What is a shadow? 


बहुत साल पहले, लोगों ने देखा कि सूरज की रोशनी से परछाईं कैसे बनती है। फिर उन्होंने इस तरीके का इस्तेमाल दुनिया की सबसे पुरानी घड़ी, यानी धूप घड़ी बनाने में किया। एराटोस्थनीज नाम के एक आदमी ने, जो अलेक्जेंड्रिया की लाइब्रेरी का हेड था, कुछ आसान गणित और परछाईं की मदद से धरती के आकार का एकदम सही अंदाज़ा लगाया था। ये बात लगभग 250 ईसा पूर्व की है, मतलब 2,000 साल पहले।

सुबह और देर दोपहर में हमारी परछाई सबसे लम्बी दिखती है। दोपहर में, जब सूरज ठीक हमारे ऊपर होता है, तब हमारी परछाई कुछ देर के लिए गायब सी हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सुबह और शाम को सूरज आकाश में बहुत नीचे होता है, इसलिए परछाई लम्बी बनती है। जब सूरज ठीक हमारे ऊपर होता है, तब परछाई या तो बहुत छोटी होती है, या दिखती ही नहीं, क्योंकि सूरज की रौशनी हर तरफ से हम पर पड़ती है, जिससे कोई अंधेरा इलाका नहीं बनता।

परछाईं बनाने के लिए रोशनी बहुत जरूरी है। रोशनी कहां है, कितनी तेज है और चीज़ से कितनी दूर है, इससे पता चलता है कि परछाईं कैसी दिखेगी।

Interesting facts related to shadow | परछाईं क्या है?


कोई चीज़ जितनी सीधी रोशनी में खड़ी होगी, उसकी परछाई उतनी ही छोटी बनेगी। और रोशनी जिस सतह पर पड़ रही है, उसका कोण जितना कम होगा, परछाई उतनी ही लंबी खिंचेगी।अगर कोई चीज़ प्रकाश के पास है, तो उसकी परछाई बड़ी होगी।अगर सतह गोल है तो और भी गड़बड़ होगी। अगर प्रकाश किसी एक बिंदु से नहीं आ रही है, तो परछाईं दो हिस्सों में बंटेगी: अम्ब्रा और पेनम्ब्रा। प्रकाश जितनी फैली हुई होगी, परछाईं उतनी ही धुंधली बनेगी।

वैसे तो परछाइयाँ अक्सर काली या भूरी दिखती हैं, लेकिन सच ये है कि ये अलग-अलग रंग की भी हो सकती हैं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि रोशनी कैसे रुक रही है। जैसे कि, अगर आसमान से रोशनी आ रही हो, तो परछाइयाँ नीली भी दिख सकती हैं।

किसी भी चीज़ की ऊंचाई का अंदाज़ा लगाने का एक तरीका ये है कि उसकी परछाई की लंबाई को उसकी असल ऊंचाई से अनुमान किया जाए। पुराने ज़माने से लोग इस तरीके को इस्तेमाल करते आ रहे है।

जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, धूप की वजह से परछाइयाँ भी अपनी जगह और आकार बदलती रहती हैं। इसे परछाई का खेल कहते हैं, और अलग-अलग देशों में, जैसे चीन और इंडोनेशिया की संस्कृति में छायां नाटक के तौर पर इसका काफ़ी इस्तेमाल होता आया है।


परछाई का विज्ञान | How is a shadow formed?

फ़ोटोग्राफ़र फ़ोटो में गहराई, texture और रंग का फ़र्क दिखाने के लिए परछाईं का इस्तेमाल करते हैं। परछाईं से फ़ोटो में नाटकीयता आ सकती है और यह देखने में और भी अच्छी लग सकती है, जिससे देखने वाले को ज़्यादा मज़ा आता है।

धूप वाले दिन किसी चीज़ की परछाईं में खड़े होने से गर्मी से थोड़ी राहत मिल जाती है। परछाईं की जगह थोड़ी ठंडी होती है क्योंकि वहाँ सीधी धूप नहीं लगती है।

ग्रहण (जैसे सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण) होने के पीछे की वजह भी परछाईं ही होती है।

न्यूटन ने प्रकाश और परछाईं के बारे में भी कुछ ज़रूरी नियम बताए थे। उन्होंने बताया कि प्रकाश कैसे मुड़ता है और किनारों से फैलता है, जिससे परछाईं बनती है। इसे प्रकाश का विवर्तन (diffraction) कहते हैं।

जीरो शैडो डे एक बड़ी खास घटना है। ये आसमान में साल में दो बार होता है। जब सूरज एकदम किसी चीज के ऊपर आ जाता है और उसकी परछाई गायब हो जाती है, बिलकुल दिखती ही नहीं है।

   
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सूरज और चांद तो धरती पर साफ़-साफ़ दिखने वाली परछाई बनाते ही हैं, लेकिन कभी-कभी शुक्र और बृहस्पति ग्रह भी ऐसा कर लेते हैं।

 कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनकी परछाई नहीं होती। जैसे कि काँच, वो बिलकुल साफ़ होता है। रोशनी उसके आर-पार निकल जाती है। कुछ चीज़ें थोड़ी धुंधली सी होती हैं, जैसे गुब्बारा या मोम का कागज़। उनमें से थोड़ी रोशनी तो निकलती है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। और कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनके आर-पार रोशनी बिलकुल नहीं जा सकती, जैसे मेज़ या तौलिया। ये चीज़ें ठोस होती हैं, इसलिए हम इनके आर-पार नहीं देख सकते।

भारत में जगन्नाथ मंदिर दुनिया का बहुत सुंदर और ऊंचा मंदिर है। ये मंदिर लगभग 4 लाख वर्ग फुट जगह में फैला है और इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है। मंदिर के पास खड़े होकर आप इसका ऊपर का हिस्सा नहीं देख सकते। सबसे ऊपर की चोटी की छाया दिन में कभी नहीं दिखती, मतलब इसकी परछाई नहीं पड़ती।

सौर मंडल में जो बाहर के ग्रह हैं, जैसे मंगल, बृहस्पति, शनि, वे सब सूरज की वजह से परछाईं बनाते हैं। पर धरती से देखने पर ये परछाईं बहुत छोटी और हल्की दिखती हैं।

परछाईं से जुड़े रोचक तथ्य | Types of shadows


निष्कर्ष:

       परछाईं प्रकाश पर निर्भर होती हैं। वे प्रकाश परावर्तन के नियमों का ही पालन करती हैं। परछाईं का उपयोग मनुष्य लंबे समय से कई चीज़ों को निर्धारित करने के लिए करता आ रहा है।धूप में दिखने वाली परछाइयाँ सिर्फ़ अंधेरा नहीं हैं जो हमारे पीछे चलते हैं। उनमें कई दिलचस्प बातें छिपी हैं, जिन्हें विज्ञान समझाता है। कला और संस्कृति से लेकर आसमान और पर्यावरण तक, परछाइयाँ वाकई मजेदार हैं।


   मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख परछाईं (Shadow) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Shadow in Hindi यानी की परछाईं कैसे बनती है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba October 26, 2025
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       इस आर्टिकल में हम जानेंगे चुना पत्थर (Limestone)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Limestone in Hindi के बारे में जानेंगे।
       

       चूना पत्थर एक तरह की चट्टान है जो ज्यादातर कैल्शियम कार्बोनेट से बनती है। ये कैल्शियम कार्बोनेट अक्सर समुद्र में रहने वाले जीवों के बचे हुए हिस्सों से या पानी में घुले कैल्शियम कार्बोनेट के जमने से बनता है। ये सीमेंट और बिल्डिंग बनाने के काम में बहुत आता है और कई कारखानों में भी इसका इस्तेमाल होता है। ये धरती में खूब मिलता है और इसके गुण इसे अलग-अलग कामों के लिए बढ़िया बनाते हैं।

चुना पत्थर कैसे बनता हैं? What Is Limestone?


🪨लगभग 6500 ईसा पूर्व में, लोगों को चूने को गर्म करके गारा बनाना आ गया, जिससे घर बनाने का तरीका बिलकुल बदल गया।

🪨चूना पत्थर की खोज का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता क्योंकि ये तो एक कुदरती चीज़ है। हां, कुछ भूवैज्ञानिको ने इसके बारे में बहुत कुछ बताया है, जैसे बेलसाज़ार हैकेट नाम के एक भूवैज्ञानिक ने 1778 में इसके बारे में कुछ बातें बताई थीं।

🪨चुना पत्थर का रासायनिक सूत्र CaCO3 है ।

🪨चूना पत्थर एक तरह की परतदार चट्टान है जो समुद्र में रहने वाले मूंगों और सीपियों के अवशेषों से बनती है। जब उथले समुद्र में पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े, मरे हुए जीव-जंतु और सीपियाँ आपस में मिल जाते हैं और सख्त हो जाते हैं तब ये चट्टान बनती है। चूना पत्थर देखने में संगममरमर जैसा लगता है और ये आमतौर पर भूरे, सफेद और स्लेटी रंग में मिलता है।

🪨चूना पत्थर धरती पर मिलने वाली तलछटी चट्टानों का लगभग 10% है।

🪨यह धरती पर खूब मिलता है और लगभग दुनिया के सारे देशों में पाया जाता है।

🪨1240 में लंदन के ग्रेट टॉवर को चूने के घोल से सफेद किया गया था।

Interesting Facts About Limestone | चुना पत्थर का उपयोग


🪨चूना पत्थर पर जब बहुत ज़्यादा गरमी और दबाव पड़ता है, ज़मीन के अंदर, जैसे कि पहाड़ों के नीचे, तो वो बदल जाता है। ये फिर से क्रिस्टल बनकर एक नया रूप ले लेता है, जिसे हम संगमरमर कहते हैं। संगमरमर एक बदली हुई चट्टान है।

🪨पोर्टलैंड चुना पत्थर, एक ख़ास क़िस्म का चुना पत्थर है जो, 19वीं और 20वीं सदी में बहुत ज़्यादा पसंद किया गया था। इसे कई ज़रूरी इमारतें बनाने में काम लिया गया, जैसे चर्च, बैंक और घर। पर, एसिड वाली बारिश धीरे-धीरे चुना पत्थर को खराब कर सकती है।

🪨चूना पत्थर कांच और सीमेंट बनाने के काम भी आता है। भट्ठी में लोहा बनाने में इसका बड़ा रोल है। ये लौह अयस्क से बेकार की चीज़ें हटाने में मदद करता है।

🪨भारत में कुछ जगहों पर एक खास किस्म का चूना पत्थर मिलता है, जिसे 'हिलने वाला पत्थर' (Flexible Limestones ) कहते हैं। ये पत्थर पतला होता है और रबड़ की तरह हिलता-डुलता है। ये हरियाणा के चरखी-दादरी जिले में कलियाणा गाँव के पास मिलता है।

🪨चुना पत्थर का रंग थोड़ा-बहुत बदल सकता है, हल्के सफेद से लेकर हल्का बेज, क्रीम, भूरा या गुलाबी तक। ये सब इसमें मिले हुए खनिजों पर निर्भर करता है।

Fun Facts about Calcium Carbonate | संगमरमर कैसे बनता है


🪨चूना पत्थर की धूल अगर सांस के साथ अंदर चली जाए तो सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी और खांसी हो सकती है। लंबे समय तक ऐसा होने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इस सामान में क्रिस्टलीय सिलिका है। इससे निकलने वाली क्रिस्टलीय सिलिका की धूल को अगर आप लंबे समय तक या बार-बार सांस के साथ अंदर लेते हैं, तो सिलिकोसिस और कैंसर जैसी बीमारी होने का डर रहता है।

🪨चुना पत्थर से बनने वाला चूना कई बीमारियों में फायदेमंद है, जिनमें हड्डियों और जोड़ों के दर्द, एनीमिया, पीलिया और लिवर की समस्याओं के साथ-साथ दांतों से जुड़ी परेशानियां शामिल हैं। यह बच्चों की लंबाई बढ़ाने, भूख बढ़ाने और महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में भी सहायक माना जाता है।

🪨 ज्यादातर चूना पत्थर का भंडार मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में है। इन जगहों पर मिलकर भारत का आधा से ज़्यादा चूना पत्थर बनता है।


               चुना पत्थर के कुछ प्रकार 

🪨Chalk, चूना पत्थर का थोड़ा मुलायम और छेद वाला रूप होता है। आमतौर पर यह सफ़ेद या हल्के भूरे रंग का होता है। यह कोकोलिथोफोर नाम के छोटे, मरे हुए समुद्री जीवों से बनता है।

       Image Source : Freepik

🪨Coquina एक तरह का चूना पत्थर है जो सीपियों, मूंगों और दूसरे समुद्री चीज़ों के टूटे हुए टुकड़ों से मिलकर बनता है। इसका नाम स्पेनिश शब्द कॉकल से आया है, जिसका मतलब सीप होता है, क्योंकि इसमें सीप के टुकड़े बहुत होते हैं। कोक्विना अक्सर समुद्र के किनारे मिलता है, जहाँ लहरें सीप के टुकड़ों को जमा कर देती हैं। ये पत्थर थोड़ा खुरदरे और छेद वाले होते हैं।

  Image Source: Freepik

🪨travertine एक प्रकार का खास चूना पत्थर है जो गरम पानी के झरनों और गुफाओं के आसपास बनता है। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट झटपट जम जाता है, जिससे बढ़िया परतें बन जाती हैं। ये पत्थर मजबूत होता है और दिखता भी अच्छा है, इसलिए इसे घर बनाने और सजाने में खूब इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि फ़र्श बनाने में, दीवारों पर लगाने में या किचन काउंटर बनाने में।

  Image Source: Flickr 

🪨Oolitic चूना पत्थर छोटे-छोटे गोल कणों से बना होता है, जिन्हें ऊइड्स कहते हैं। ये गरम, उथले समुद्री पानी में रेत या सीप के टुकड़ों के आसपास कैल्शियम कार्बोनेट जमने से बनते हैं। ये ऊइड्स एक बारीक मैट्रिक्स से जुड़े होते हैं, जिससे पत्थर को एक खास टेक्सचर मिलता है। इसकी बनावट अच्छी होती है। इसलिए इसका इस्तेमाल अक्सर इमारतें बनाने में होता है।

Uses of limestone | चूना पत्थर के फायदे



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🪨अंटार्कटिका के रॉस डिपेंडेंसी इलाके में एक खास चूना पत्थर की चट्टान मिली है. ये कैम्ब्रियन काल की है, मतलब लगभग 52 करोड़ से 51 करोड़ 60 लाख साल पुरानी. इस चूना पत्थर में कुछ जीवों के अवशेष भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यह कभी समुद्र में बना था।
🪨मिस्र में जो गीज़ा का बड़ा पिरामिड है, उसका बाहरी हिस्सा बढ़िया चूना पत्थर से बना है। और अंदर का ज़्यादातर हिस्सा तो आस-पास के चूना पत्थर से ही बना है।

🪨चूना पत्थर पानी में हल्का सा घुल जाता है। सदियों से, बारिश का पानी जिसमें थोड़ा एसिड होता है, वो चूना पत्थर को गलाकर ज़मीन के नीचे गुफाएँ और अजीब तरह की आकृतियाँ बना देता है। दुनिया की ज़्यादातर बड़ी-बड़ी गुफाएँ चूना पत्थर वाली चट्टानों में ही हैं।

1700 के दशक में, लोग चूना पत्थर से लिथोग्राफी करते थे। वे पत्थरों पर चित्र बनाते थे और फिर उन चित्रों को दूसरे पत्थरों पर छापते थे।

निष्कर्ष:

      चूना पत्थर सिर्फ एक चट्टान नहीं, बल्कि ये इंसानी सभ्यता के बनने से लेकर तरक्की और कारखानों तक, हर चीज के लिए ज़रूरी है। ये हर जगह आसानी से मिल जाता है और इसके कई इस्तेमाल हैं, इसलिए ये दुनिया के लिए बहुत कीमती है।


   मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख चुना पत्थर (Limestone) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Limestone in Hindi यानी की चुना पत्थर कैसे बनता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba October 26, 2025
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    इस आर्टिकल में हम जानेंगे कृत्रिम बुद्धिमता ( Artificial Intelligence - AI )के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Artificial intelligence - AI in Hindi के बारे में जानेंगे।
        आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी कहा जाता है, कंप्यूटर विज्ञान का एक ऐसा हिस्सा है जिसमें वैज्ञानिक ऐसी मशीनें बनाने की कोशिश करते हैं जो इंसानों की तरह सोच सकें और काम कर सकें। ये सिर्फ एक तकनीक नहीं है, बल्कि एक बड़ा विज्ञान है जो मशीनों को सिखाता है कि कैसे सीखना है, मुश्किलों का हल निकालना है, फैसले लेने हैं, और भाषा को समझना और बोलना है।

What is Artificial Intelligence? AI कैसे काम करता है?


🖥️कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस -AI) के जनक जॉन मैकार्थी हैं।जो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे।

🖥️डॉ. राज रेड्डी, जिन्होंने 1994 में ट्यूरिंग पुरस्कार जीता, ऐसा करने वाले पहले एशियाई थे। उन्हें भारत में AI का पिता माना जाता है।

🖥️भरोसेमंद एआई (AI) के कुछ ज़रूरी पहलू हैं- उसे समझना आसान हो, उसमें भेदभाव न हो, वो निष्पक्ष हो, उसे दोहराया जा सके, वो स्थिर रहे और उसमें पारदर्शिता हो।

🖥️1950 के दशक में जब ये शुरू हुआ था, तब से लेकर अब तक AI (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) बहुत आगे बढ़ गया है। आजकल तो ये इतना स्मार्ट हो गया है कि पहले से कहीं ज़्यादा कमाल के काम कर सकता है। कुछ मामलों में तो ये इंसानों से भी ज़्यादा समझदार है! ये सिस्टम बहुत जल्दी सीख और बदल सकते हैं- कुछ मामलों में तो इंसानों से भी ज़्यादा तेज़ी से। ये बहुत सारा डेटा देख सकते हैं और उसके हिसाब से फैसले ले सकते हैं। इसका मतलब है कि ये उन मुश्किल सवालों को भी हल कर सकते हैं जिन्हें सुलझाना इंसानों के लिए बहुत मुश्किल होता है, या जिसमें बहुत समय लगता है।

🖥️Artificial intelligence को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं।

🖥️आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानों की काम करने की ताकत को बढ़ाता है, जिससे हम सब छोटे-बड़े काम आराम से कर पाते हैं।

🖥️सबसे अच्छी बात AI की ये है कि मशीनें पूरे दिन काम कर सकती हैं। इंसानों को तो कुछ देर बाद आराम चाहिए होता है, पर AI वाले डिवाइस बिना रुके काम करते रहते हैं।
🖥️आजकल robot इंसानों का काम करने लगे हैं, और ऐसा लगता है कि आगे चलकर इनकी वजह से बेरोजगारी और भी बढ़ेगी।


                  AI के प्रकार

* नैरो AI: ये एआई बस एक खास काम करने के लिए बने होते हैं। जैसे, कोई एआई सिर्फ फोटो पहचानने के लिए हो।

* जनरल AI: ये एआई इंसानों की तरह समझदार होते हैं। ये कई काम कर सकते हैं।

* सुपरइंटेलिजेंट AI: ये एआई इंसानों से भी ज्यादा तेज होते हैं। ये बहुत सारे काम कर सकते हैं और इंसानों से जल्दी सीखते हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? | Fun facts about AI


🖥️AI की आवाज़ अक्सर औरतों जैसी होती है क्योंकि औरतों की आवाज़ आदमियों से ज़्यादा साफ़ और तीखी होती है, जिससे लोगों को आसानी से समझ में आता है। औरतों की आवाज़ की स्पष्टता और पिच की वजह से लोग AI से आराम से और अच्छे से बात कर पाते हैं।

🖥️AI बहुत सारा डेटा जल्दी से प्रोसेस कर सकता है और उसे याद रख सकता है। इससे वो अपने पुराने अनुभवों से सीखता है और उन्हें नए काम करने में इस्तेमाल करता है।

🖥️डॉक्टर लोग आजकल रेडियोलोजी, पैथोलॉजी और त्वचा की बीमारियों जैसे कई मेडिकल कामों में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।

🖥️AI बीमारियों को पकड़ने का तरीका बदल रहा है। AI में ये ताकत है कि वो कैंसर और दिल की बीमारी जैसी कई बीमारियों को पहचानने में और भी सटीक हो सकता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की रोचक बातें | Future of AI


🖥️AI मशीनें वक़्त के साथ और ज़्यादा समझदार होती जा रही हैं। अपने आप सीखने वाली एआई तकनीक हमारे तकनीक इस्तेमाल करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकती है। इससे मशीनें खुद ही पैटर्न पहचान सकती हैं, नतीजे निकाल सकती हैं और डेटा के हिसाब से फैसले ले सकती हैं। इससे वो जल्दी और सही तरीके से सीख पाती हैं, जिससे कई तरह के काम किए जा सकते हैं।

🖥️टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, तो ज़रूरी है कि हम साइबर खतरे से बचने के तरीके भी खोजें।AI इसमें मदद कर सकता है. एआई का इस्तेमाल चेहरे पहचानने, मैलवेयर ढूंढने और डेटा चोरी होने से रोकने जैसे कामों में हो रहा है।

🖥️ChatGPT जैसे टूल्स ने बातचीत और कंटेंट बनाना इतना आसान कर दिया है कि इसे बच्चे भी यूज़ कर रहे हैं। बस सवाल पूछो और AI झट से एकदम ठीक, समझदारी भरा और मजेदार जवाब देता है। अब तो लोग ChatGPT से कोडिंग, ईमेल लिखना, स्क्रिप्ट और कहानियां तक लिखवा रहे हैं। और भी कई AI टूल्स हैं, जो अलग-अलग चीज़ों में माहिर हैं - जैसे Midjourney आर्ट बनाता है, ElevenLabs आवाज़ें और Pictory वीडियो बनाता है।

🖥️स्वचालित गाड़ियाँ अब कोई दूर का सपना नहीं हैं। हो सकता है कि 'नाइट राइडर' अगले 2-3 साल में या उससे भी पहले सच हो जाए। ये गाड़ियाँ AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की मदद से चलती हैं, जिससे वे ड्राइविंग के हालात को समझकर खुद को बदल सकती हैं। अभी इन गाड़ियों का टेस्ट चल रहा है, और ये लगभग सड़क पर चलने के लिए तैयार हैं।

🖥️सोशल मीडिया कंपनियां आजकल ग्राहकों को बढ़िया अनुभव कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। Facebook और Twiter जैसी कंपनियां AI की सहायता से लोगों को उनकी पसंद की चीजें दिखा रही हैं। इस मामले में Google सबसे आगे है और एक भरोसेमंद सर्च इंजन बनकर उभरा है।

🖥️सोनी ने आइबो (Aibo)नाम का एक रोबोट कुत्ता बनाया था, जो उनके पहले ऐसे खिलौनों में से एक था जिसे लोग खरीद सकते थे और खेल सकते थे. ये अपनी भावनाएँ भी दिखा सकता था और अपने मालिक को भी पहचान लेता था. हालाँकि, अब तो इसके और भी महंगे और बढ़िया मॉडल मिल जाते हैं।

       AI के फायदे | Interesting AI facts


               + बोनस जानकारी +

🖥️नई एप्पल वॉच में एक कमाल का फ़ीचर है! अगर आप ज़ोर से गिरते हैं, तो ये आस-पास के इमरजेंसी टीम को अलर्ट कर देगी। इसमें एक्सेलेरोमीटर और जायरोस्कोप जैसे सेंसर्स हैं जो गिरने का पता लगाते हैं। और तो और, ये स्पेशल AI तकनीक से ये पहचान लेती है कि आप सच में ज़ोर से गिरे हैं या नहीं।

🖥️USA आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के मामले में सबसे आगे है। उसने AI कंप्यूटिंग पावर में सबको पछाड़ दिया है (उसके पास 39.7 मिलियन है!) और 2025 तक उसकी कुल ऊर्जा क्षमता भी सबसे ज्यादा होने वाली है (लगभग 19.8 हजार मेगावाट)।

🖥️AIRAWAT-PSAI, जो 13,170 टेराफ्लॉप्स की स्पीड से काम करता है, India का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ AI सुपर कंप्यूटर है। इसे नेटवेब टेक्नोलॉजीज़ ने बनाया है और ये उबंटू 20.04.2 LTS पर चलता है।



निष्कर्ष:

   आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)आने वाले दिनों की तकनीक है, और इसमें इतनी ताकत है कि ये हम इंसानों की क्षमता को बढ़ा सकती है और दुनिया को और भी बेहतर बना सकती है।

    मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence -AI) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Artificial Intelligence -AI in Hindi यानी की AI कैसे काम करता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।

FreeFactBaba October 24, 2025
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     इस आर्टिकल में हम जानेंगे विश्व की 10 प्रसिद्ध प्रतिमाओं (Top 9 the world's famous statues)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About the world's famous statues in Hindi के बारे में जानेंगे।

     इंसानी सभ्यता में हमेशा से कला और मूर्तिकला का खास जगह रही है। दुनिया भर में कई बड़ी-बड़ी और मशहूर प्रतिमाएं हैं। ये सिर्फ इंसानों की काबिलियत और कला का नमूना नहीं हैं, बल्कि ये अपने देश की पहचान, संस्कृति, इतिहास और आस्था को भी दिखाती हैं।

    ये प्रतिमाएं सिर्फ पत्थर, धातु या कंक्रीट से बनी चीजें नहीं हैं। ये समय, विचार और भावनाओं को दिखाने की कोशिश हैं। हर प्रतिमा की अपनी कहानी है। ये हमें उन महान लोगों, पुरानी घटनाओं या धार्मिक मान्यताओं की याद दिलाती हैं जिन्होंने हमारी दुनिया को बनाया है।

    इन बढ़िया चीजों को बनाने की तकनीक, इनका विशाल आकार और इनकी बनावट दुनियाभर से घूमने आने वाले लोगों और कला के दीवानों को खींचती है। इन मशहूर प्रतिमाओं को देखकर हमें पता चलता है कि कला कैसे आगे बढ़ी। इससे ये भी पता चलता है कि अलग-अलग संस्कृतियों ने कैसे अपनी मान्यताओं और नायकों को हमेशा के लिए दिखाने के लिए मूर्तिकला का इस्तेमाल किया। दुनिया की ये मशहूर प्रतिमाएं कला के बढ़िया नमूने हैं, और ये इंसानी इतिहास, संस्कृति और घूमने-फिरने के लिए बहुत जरूरी जगहें हैं।


आइए जानते है दुनिया की सबसे प्रसिद्ध प्रतिमाओं के बारे मे।

विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा कौनसी है? World Famous Statue 


1.Statue of Unity

   गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बनी स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी सिर्फ़ एक बड़ी मूर्ति नहीं है, बल्कि ये एकता, ताकत और सरदार वल्लभभाई पटेल की महान सोच का प्रतीक भी है, जिन्हें भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। यहाँ इस मूर्ति के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताई गई हैं, जो दिखाती हैं कि ये कितनी खास है।
   
  सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर 'Statue Of Unity' का अनावरण किया गया। ये भारत के पहले गृह मंत्री, सरदार पटेल को एक बड़ी श्रद्धांजलि है, जिनको 562 रियासतों को मिलाकर भारत बनाने के लिए जाना जाता है।

इस मूर्ति का विचार सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने 2010 में दिया था, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसकी नींव 31 अक्टूबर 2013 को रखी गई थी।

विंध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच, Statue Of Unity नर्मदा नदी और सरदार सरोवर बांध के पास एक बहुत ही सुंदर जगह पर है।

182 मीटर ऊंचा Statue Of Unity दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।

पद्म भूषण विजेता राम वी सुतार ने इस मूर्ति को Design किया है।

राज्य सरकार ने 3,050 करोड़ रुपये लगाकर ये बड़ा project बनाया है। ये 20,000 वर्ग मीटर में फैला है और इसके चारों तरफ 12 वर्ग किलोमीटर की एक झील भी है।

300 से ज्यादा इंजीनियरों और 3,000 मजदूरों ने मिलकर लगभग साढ़े तीन साल में दिन-रात मेहनत करके इस मूर्ति को बनाया। इसमें कमाल की इंजीनियरिंग दिखती है।

इसे बनाने में 70,000 टन सीमेंट, 25,000 टन स्टील और लगभग 1,700 टन वज़न वाले 12,000 कांसे के पैनल लगे।

मूर्ति के नींव के लिए 129 टन से ज्यादा लोहा पूरे भारत के 10 करोड़ किसानों ने दान किया। इससे पता चलता है कि इसमें आम लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

ये मूर्ति को ऐसे बनाया गया है कि ये भूकंप और 100 किलोमीटर प्रति सेकंड तक की हवा को भी झेल सकती है, मतलब ये बहुत टिकाऊ और मजबूत है।

Famous statues of the world | विश्व की प्रमुख मूर्तियाँ


2.Statue of Liberty 

Statue of Liberty न्यूयॉर्क हार्बर में लिबर्टी द्वीप पर है। ये तांबे की एक बहुत बड़ी मूर्ति है जो बताती है कि आज़ादी और लोकतंत्र क्या होता है। फ्रांस ने इसे दोस्ती के तौर पर 1886 में अमेरिका को भेट दिया था। इसका असली नाम लिबर्टी एनलाइटनिंग द वर्ल्ड है। ये मूर्ति लिबर्टास नाम की एक रोमन देवी के रूप में है जो आज़ादी दिखाती है। इसके एक हाथ में मशाल है और दूसरे में एक तख्ती है जिस पर स्वतंत्रता की घोषणा की तारीख लिखी है।

Statue of Liberty को एक फ्रांसीसी मूर्तिकार, फ्रेडरिक ऑगस्टे बार्थोल्डी ने बनाया था। उन्होंने लेडी लिबर्टी का चेहरा अपनी मां, चार्लोट के चेहरे पर बनाया और उन्हें बहुत सारे सन ऑफ़ द ईयर पुरस्कार मिले।

लेडी लिबर्टी के मुकुट में एक दिलचस्प बात यह है जिसके बारे में भूगोल के दीवानों को जानना चाहिए। इसके मुकुट में 7 किरणें हैं, जो दुनिया के 7 महाद्वीपों और महासागरों को दिखाती हैं।

Statue of Liberty पूरी तरह से तांबे से बनी है, और पहले ये तांबे के रंग की हुआ करती थी। सालों तक मौसम की मार झेलने के बाद, इस पर एक हरी परत जम गई, जिसे पेटिना कहते हैं। ये लेडी लिबर्टी के बारे में एक खास बात है कि बनने के बाद 30 सालों में ही ये हरी-नीली हो गई थी।

Statue of Liberty के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि इस पर हर साल लगभग 600 बार बिजली गिरती है। लोग ये भी कहते हैं कि इसमें मौसम बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हालांकि, ये देखने में एकदम मजबूत लगती है, लेकिन जब लगभग 50 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है, तो लेडी लिबर्टी खुद तीन इंच तक हिल जाती है, और उसकी मशाल छह इंच तक इधर-उधर घूमती है।

Statue of Liberty को हर साल करीब 40 लाख लोग देखने आते हैं। न्यूयॉर्क शहर के इस पुराने स्मारक को देखने लगभग 11,000 पर्यटक हर दिन आते हैं! ये हैरानी की बात है, लेकिन सच है कि न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में होने के बाद भी, ये अमेरिका की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली जगह नहीं है।


3.Statue of Spring Temple Buddha
Source: wikipidia.org.

Spring Temple Buddha चीन में हेनान के लुशान काउंटी के झाओकुन टाउन में स्थित है।1997 से 2008 के बीच बनी ये विशाल तांबे की बुद्ध मूर्ति 66 फुट ऊंचे कमल के आकार के चबूतरे पर है। इस चबूतरे पर एक मठ भी बना हुआ है।

ये शानदार मूर्ति, सौ किलो से ज़्यादा सोना, 3300 टन तांबा और 1,500 टन स्टील से बनी है। ये कुल मिलाकर ग्यारह हज़ार वर्ग फुट से भी ज़्यादा जगह में फैली है। मूर्ति के ऊपर तांबे की जो कारीगरी है, वो इसे बहुत ख़ूबसूरत बनाती है, जिसके लिए इसे जाना जाता है। इसे पुराने समय की कारीगरी का एक और बढ़िया उदाहरण माना जा सकता है।

बुद्ध की मूर्ति के नीचे एक हीरे का सिंहासन है, और उसके नीचे 6,666 छोटी बुद्ध मूर्तियाँ हैं। इस तांबे के अजूबे के नीचे बने हीरे के सिंहासन पर एक शांत बौद्ध मठ है, जहाँ लोग हमेशा शांति पाने आते हैं।

Spring Temple Buddha का नाम पास के तियानरुई गर्म पानी के झरने से आया है। ये झरना हर दिन लगभग 65,000 गैलन पानी उगलता है, जो 60 डिग्री सेल्सियस तक गरम हो सकता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि इस झरने में ठीक करने वाली खूबियाँ हैं, जो स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा के आसपास की जगह को और भी खास बनाती हैं।

Facts about the world's most famous statues | दुनिया की 9 मशहूर मूर्तियाँ


4.Christ The Redeemer, Rio De Janeiro
Christ The Redeemer, ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ईसा मसीह की एक बड़ी और जानी-मानी मूर्ति है। यह दुनिया की सबसे बड़ी आर्ट डेको मूर्तियों में से एक है। इसे कंक्रीट और सोपस्टोन से बनाया गया था।

1850 के दशक में, पादरी पेड्रो मारिया बॉस ने सोचा कि ब्राज़ील की राजकुमारी इसाबेल को सम्मान देने के लिए एक कैथोलिक स्मारक बनाना अच्छा रहेगा। लेकिन बात अटक गई। फिर 1921 में, कैथोलिक चर्च को लगा कि ब्राज़ील के लोग उनसे दूर जा रहे हैं। तो उन्होंने फिर से स्मारक बनाने की बात उठाई और 1922 में काम शुरू हो गया। 1931 तक यह बनकर तैयार हो गया।

ब्राजील में ईसा मसीह की मूर्ति बनाने में दुनिया भर के कई कलाकारों और इंजीनियरों ने साथ मिलकर काम किया। इसे ब्राजील के इंजीनियर हेइटर दा सिल्वा कोस्टा ने डिज़ाइन किया था और इसे बनाने में फ्रांसीसी इंजीनियर अल्बर्ट कैकोट ने उनकी मदद की। फ्रांस के रहने वाले मूर्तिकार पॉल लैंडोव्स्की ने अपने स्टूडियो में मिट्टी से मूर्ति का सिर और हाथ बनाए। फिर उन्होंने शरीर के 12 फुट का एक मॉडल रियो भेजा। इसके बाद मूर्ति को कंक्रीट से बनाया गया और वहीं पर उसे ठीक किया गया। रोमानिया के मूर्तिकार घोरघे लियोनिडा ने मूर्ति का चेहरा बनाया।

Christ The Redeemer को बनाने में लगभग $250,000 लगे थे, जो आज के हिसाब से लगभग 3.4 मिलियन डॉलर होते हैं। इसका ज़्यादातर पैसा लोकल कैथोलिक लोगों ने दिया था।

Christ The Redeemer पर हर साल लगभग तीन से छह बार बिजली गिरती है। ये मूर्ति बारिश के जंगल के बीच एक पहाड़ी पर है, इसलिए इस पर बिजली गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। 2014 में बिजली गिरने से मूर्ति की कुछ उंगलियां और सिर टूट गए थे, जिसके बाद मूर्ति के सिर और हाथों पर और भी ज्यादा बिजली के खंभे लगाने पड़े। इस मूर्ति की देखभाल में हर साल लगभग दस लाख डॉलर से ज्यादा लग जाते हैं, और पिछली मरम्मतों में तो इससे भी ज्यादा पैसे लगे थे।


5.Moai, Easter Island, Chile

ईस्टर द्वीप पर रापा नुई के लोगों ने Moai की विशाल पत्थर की मूर्तियाँ बनाईं। ये मूर्तियाँ लगभग 1400-1650 ईस्वी के बीच बनीं और ये उनके पूर्वजों के लिए सम्मान थीं। मोई विशाल मूर्तियाँ हैं जिन्हें अक्सर आहू (एक तरह का मंच) पर रखा जाता है। उन्हें अरिंगा ओरा कहते हैं, जिसका मतलब है पूर्वजों के जीवित चेहरे। होआ हकानानाइआ, जिसका मतलब है 'खोया हुआ, छिपा हुआ या चुराया हुआ दोस्त', बेसाल्ट पत्थर से बनी है।

पोलिनेशिया के रापा नुई लोगों का मानना था कि वे दुनिया में अकेले हैं। उन्हें लगता था कि अगर कोई हमला करेगा, तो वो समुद्र से नहीं, बल्कि द्वीप के अंदर से करेगा। इसलिए उन्होंने Moai की मूर्तियां बनाईं जिनका चेहरा द्वीप के बीच की तरफ था, ताकि द्वीप को किसी खतरे से बचाया जा सके। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि रापा नुई के जो सरदार थे, उनके परिवारों ने Moai को इसीलिए बनाया था ताकि वो उनके मरे हुए पुरखों की तरह दिखें और उनकी रक्षा करें, उन पर नजर रखें और उन्हें नुकसान से बचाएं।

Moai मूर्तियों को उनकी जगह पर रखने के बाद ही आँखें लगाई जाती थीं। यही वजह है कि जो मूर्तियाँ टूटी हुई हैं या गिरी हुई हैं, उनकी आँखें नहीं हैं। जहाँ ये मूर्तियाँ बनाई जाती थीं, वहाँ आज भी कई मूर्तियाँ अलग-अलग हालत में पड़ी हैं। कुछ गिरी हुई हैं, कुछ को ले जाया जाना है, और कुछ तो अभी भी पत्थर में आधी बनी हुई हैं। लेकिन इनमें से किसी भी मूर्ति में आँखें नहीं हैं। वहाँ के लोगों का मानना था कि मूंगे की आँखें लगाने से मूर्तियों में जान आ जाती थी और वे अपने लोगों को ताकत देती थीं।

सच में, किसी को पक्का नहीं पता कि Moai को इतनी दूर द्वीप पर कैसे पहुँचाया गया. कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें लकड़ियों पर रखकर लुढ़काया गया था. कुछ का कहना है कि उन्हें समुद्र के रास्ते लाया गया (खदान समुद्र के पास है, पर एकदम नहीं). कुछ लोग मानते हैं कि रापा नुई लोग उन्हें रस्सियों से खींचकर और झटके देकर ले जाते थे, और कुछ तो यहाँ तक कहते हैं कि वे द्वीप के चारों ओर उड़ते थे (जूलियन को ऐसा ही लगता है!). हाल के सालों में, ज़्यादातर लोग मानते हैं कि बनाने वालों ने मोई को जहाँ वो अब हैं, वहाँ तक पहुँचाने के लिए लकड़ी की स्लेज और लट्ठों का इस्तेमाल किया था. पर ईस्टर द्वीप पर अब कोई पेड़ नहीं है, तो ये बस एक कहानी है.

भले ही लोग इन्हें Moai के सिर या ईस्टर आइलैंड के फेस कहते हैं, पर सच तो ये है कि ज़्यादातर मूर्तियों में पूरा शरीर होता है, जो अक्सर गर्दन तक मिट्टी में दबा रहता है और इसी वजह से ये और भी ज़्यादा रहस्यमय लगती हैं। पहली बार में देखने पर लगता है कि शायद Moai की पूरी मूर्ति में बस सिर ही होता है। पर पुरातत्व-शास्त्रियों ने थोड़ी और छानबीन की, तो पता चला कि कई सिरों के साथ पूरे शरीर भी जुड़े हुए हैं। ये शरीर इंसानों के मुकाबले छोटे हैं, और सिर पूरी मूर्ति का दो-तिहाई हिस्सा हो सकता है। ज़्यादातर Moai मूर्तियाँ जाँघों के ऊपर तक ही बनी हुई हैं, जबकि कुछ पूरी तरह से घुटनों के बल बैठी हुई हैं। चूँकि ज़्यादातर मूर्तियाँ अब मिट्टी में दबी हुई हैं, इसलिए ये खोज काफी चौंकाने वाली थी।

प्रसिद्ध प्रतिमाएँ और उनके स्थान | Iconic sculptures worldwide


6.Little Mermaid, Denmark

कोपेनहेगन, डेनमार्क में लैंगेलिनी घाट पर एक चट्टान पर Little Mermaid की मूर्ति है. ये कांस्य की मूर्ति है, जो 1913 से यहां है. ये हेंस क्रिश्चियन एंडरसन की प्रख्यात कहानी से प्रेरित है. मज़े की बात ये है कि इसे एडवर्ड एरिक्सन ने बनाया था, और उनकी पत्नी और एक बैलेरीना ने इसमें मॉडल बनने में हेल्प की थी. कई बार लोगों ने इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है, जैसे कि इसका सिर काट दिया और इस पर पेंट डाल दिया।

Little Mermaid की मूर्ति के साथ कई बार बुरा बर्ताव हुआ है। कभी उसका सिर काट दिया गया, तो कभी हाथ तोड़ दिया गया, और यहाँ तक कि कई बार उस पर रंग भी पोत दिया गया।

1964 में मूर्ति का सिर चोरी हो गया था, पर पैसे देकर उसे वापस ले लिया गया।

Little Mermaid की मूर्ति खूब मशहूर है, पर इस पर भी विवाद होते रहे हैं। कुछ लोग कहते हैं कि ये मूर्ति औरतों को गलत तरीके से दिखाती है, जैसे औरतें सिर्फ चाहत की चीज़ हों और कुछ नहीं। बाकी लोग ये भी कहते हैं कि डेनमार्क ने पहले दूसरों पर राज किया था, ये मूर्ति उससे जुड़ी है, और एक ऐसी कहानी को बढ़ावा दे रही है जो शायद आज के हिसाब से ठीक नहीं है।


7.The Thinker, Paris

The Thinker मूर्ति, जिसे ऑगस्टे रोडिन ने बनाया था। ये कांस्य से बनी है। पहले ये उनकी द गेट्स ऑफ़ हेल का पार्ट थी। इसमें एक आदमी गहरे सोच में डूबा हुआ है। दुनिया में इसकी कई कॉपी हैं। शुरू में ये मूर्ति दांते की कला का हिस्सा थी, लेकिन बाद में इसे अलग से दिखाया गया।

The Thinker असल में 1880 में नरक के द्वार नाम की एक बड़ी मूर्तिकला के एक हिस्से के तौर पर बनाई गई थी, जिसमें करीब 180 मूर्तियां थीं।

The Thinker की कई मूर्तियां हैं, जो अलग-अलग प्रकार और चीजों से बनी हैं - जैसे कि कांस्य, प्लास्टर और पत्थर।


8.Great Sphinx Of Giza, Egypt

Great Sphinx Of Giza, जिसका शरीर शेर का है और सिर इंसान का, चूना पत्थर से बना है और ये दुनिया की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। माना जाता है कि इसे फिरौन खफरे के शासनकाल में, लगभग 2500 ईसा पूर्व बनाया गया था। ये ताकत और बुद्धिमानी की निशानी है। इसका मुंह पूर्व की ओर है, और ज़्यादातर लोग मानते हैं कि ये फिरौन खफरे का चेहरा है।

ये माना जाता है कि स्फिंक्स का बदन और चेहरा लाल रंग से रंगा गया था। उसके सिर पर पीली चमक थी और दाढ़ी नीली थी। स्फिंक्स के कान पर लाल रंग का कुछ हिस्सा अभी भी देखा जा सकता है। स्फिंक्स अपने पंजे ज़मीन पर आगे की ओर फैलाकर लेटा है, पंजे एक-दूसरे के करीब हैं। अगर ध्यान से देखोगे तो उसके पंजों के बीच एक मंदिर और खंभा भी दिखेगा।

स्फिंक्स कितना भी बड़ा क्यों न हो, कुदरत के सामने तो वो भी कुछ नहीं है। रेत के टीले बदलते रहते हैं और कई बार स्फिंक्स उनमें दब जाता है। धीरे-धीरे रेत जमा होती रहती है और स्फिंक्स रेत में धंस जाता है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि पुराने मिस्र में ज़बरदस्त बाढ़ आई थी, जिससे स्फिंक्स को काफी नुकसान हुआ था। स्फिंक्स को ठीक करने के लिए आखिरी खुदाई 1920 के दशक में हुई थी। उस समय तक तो स्फिंक्स के अगले पंजे रेत में लगभग पूरी तरह छिप चुके थे। दुख की बात है कि इस समस्या का कोई आसान हल नहीं है, क्योंकि रेत का खिसकना कई चीजों पर निर्भर करता है।

एक कहानी है कि नेपोलियन ने मिस्र में तोप चलाकर स्फिंक्स की नाक उड़ा दी थी। पर भाई, कुछ पुराने चित्र दिखाते हैं कि नाक तो पहले से ही गायब थी! असल में, कुछ लोग कहते हैं कि मुहम्मद सईम अल-दहर नाम के एक सूफी नेता ने स्फिंक्स के चेहरे को तोड़ा था, क्योंकि उसे गुस्सा आ गया था जब उसने देखा कि कुछ लोग उसकी पूजा कर रहे हैं।



9.The Leshan Giant Buddha

लिंग्युन विशाल बुद्ध के नाम से भी जाने जाने वाला लेशान का विशाल बुद्ध दुनिया की सबसे बड़ी पत्‍थर की बुद्ध प्रतिमा है। ये 71 मीटर ऊंची है। सिचुआन प्रांत में लेशान के पूर्व में एक पहाड़ को काटकर इसे बनाया गया है। इसी वजह से लेशान शहर दुनिया भर के घूमने फिरने वालों के बीच मशहूर है। तांग राजवंश के दौरान लेशान के विशाल बुद्ध को बनाने में 90 साल लगे थे। उस समय, मैत्रेय की पूजा बहुत की जाती थी और वहां के लोगों का मानना था कि इस प्रतिमा को बनाने से उन्‍हें रोशनी और खुशी मिलेगी। ये मैत्रेय प्रतिमा नदियों (मिन, किंग्यी और दादू नदियों) की तरफ मुंह करके बैठी है, उसके हाथ घुटनों पर हैं और उसकी नज़रें शांति से नदियों को देख रही हैं।

इस खास ऐतिहासिक जगह को 1996 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल माना था।

लेशान का विशालकाय बुद्ध, जो 233 फीट ऊंचा है, दुनिया में बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसके कान 7 मीटर के हैं, जो लकड़ी के बने हैं। सिर 14.7 मीटर ऊंचा और 10 मीटर चौड़ा है। बुद्ध के बालों के 1,021 जूड़े हैं। नाक और भौंहें 5.6 मीटर लंबी हैं। मुंह और आंखें 3.3 मीटर चौड़ी हैं। गर्दन 3 मीटर लंबी है। कंधे 24 मीटर चौड़े हैं। उंगलियाँ 8.3 मीटर लंबी हैं, और पैरों पर 100 लोग आराम से बैठ सकते हैं।

बुद्ध के सिर के पीछे और कानों के बीच में एक बढ़िया सा नाली का सिस्टम बना है। यही वजह है कि लेशान के महान बुद्ध की मूर्ति इतने सालों से टिकी हुई है, वरना अब तक तो मिट चुकी होती।

ये विशाल मूर्ति बनाने का सोचा हाई टोंग नाम के एक बौद्ध भिक्षु ने। उन्हें डर था कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों को नुकसान न हो, इसलिए उन्होंने सोचा कि बुद्ध भगवान की मूर्ति लगाने से पानी शांत रहेगा और लोग सुरक्षित रहेंगे।


निष्कर्ष:

दुनिया भर में जो मशहूर मूर्तियां हैं, वो कला, संस्कृति और विज्ञान का गजब का नमूना हैं। ये अलग-अलग सभ्यताओं की उपलब्धियों, उनके धर्मों और इतिहास की कहानियां बताती हैं। ये सिर्फ बेहतरीन इमारतें ही नहीं हैं, बल्कि ये इसलिए भी जानी जाती हैं कि ये कितनी बड़ी हैं, इनका आकार कैसा है और इनको बनाने में क्या-क्या लगा है।

        मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख विश्व की सबसे प्रसिद्ध प्रतिमाओं (Top 9 the world's famous statues) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Top 10 the world's famous statues in Hindi यानी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाएं कौनसी है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba October 24, 2025
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इस आर्टिकल में हम जानेंगे कछुए (Turtle)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Turtle in Hindi के बारे में जानेंगे।


          कछुए पुराने जीव हैं जिनकी पीठ पर एक सख़्त खोल होता है। ये खोल उनकी हड्डियों का ही हिस्सा होता है और उन्हें बचाता है, जिससे वो अपने सिर और हाथ-पैर अंदर खींच लेते हैं। कछुए दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर मिलते हैं। कुछ ज़मीन पर रहते हैं, तो कुछ पानी में या पानी के आस-पास। कुछ कछुए तो बहुत साल जीते हैं, मतलब धरती पर रहने वाले सबसे ज़्यादा उम्र वाले जीवों में से हैं।

कछुए का जीवन कैसा होता है? What Types Of Turtles?


🐢कछुए धरती के सबसे पुराने जीवों में से एक हैं। उनका इतिहास लगभग 20 करोड़ साल पुराना है - मतलब डायनासोर के ज़माने के। साँप, छिपकली और मगरमच्छ तो बाद में आए।

🐢कछुए की सात तरह की प्रजातियाँ होती हैं: हॉक्सबिल, लेदरबैक, लॉगरहेड, फ्लैटबैक, ऑलिव रिडले, केम्प्स रिडले और ग्रीन टर्टल।

🐢कछुए माँ बनने के बाद अंडे देने के लिए पानी से बाहर ज़मीन पर आती हैं। उनके अंडों से बच्चे निकलने में करीब 45 से 70 दिन लग जाते हैं। सबसे खास बात तो ये है कि कछुए अंडे देने के लिए उसी समुद्र तट पर लौटती हैं जहाँ उनका जन्म हुआ था।

🐢कछुए तो अपनी हड्डी वाले खोल से ही पहचाने जाते हैं। ये खोल उन्हें शिकारियों से बचाता है।कछुए का खोल उनकी हड्डियों का हिस्सा होता है, जिसमें 50 से ज़्यादा हड्डियाँ, जैसे कि उनकी पसलियाँ और रीढ़ की हड्डी शामिल हैं। कुछ तो डर लगने पर अपना सिर भी अंदर खींच लेते हैं।

🐢कछुए क्या खाते हैं, ये इस बात पर depend करता है कि वो कहाँ रहते हैं। ज़मीन पर रहने वाले कछुए beetles, फल और घास खाते हैं। वहीं, समुद्र में रहने वाले कछुए  seaweed से लेकर स्क्विड और जेलीफ़िश तक, सबकुछ खा लेते हैं।


कछुए का भोजन | How to take care of a Turtle


🐢कुछ कछुए मांस खाते हैं, कुछ पौधे, और कुछ तो दोनों ही खा लेते हैं! छोटे कछुए अक्सर शुरुआत में मांस खाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वे ज़्यादातर पौधे खाने लगते हैं।

🐢इन ठंडे खून वाले जीवो की ज़िंदगी बहुत लंबी होती है। टोंगा द्वीप पर रहने वाली तुई मलीला नाम की एक कछुआ 188 साल तक जिंदा रही थी।

🐢केम्प्स रिडले कछुआ, सारे समुद्री कछुओं में सबसे कम दिखता है। इनका वज़न करीब 80-100 पाउंड होता है, और बड़े होने पर इनका रंग ऑलिव ग्रीन जैसा हो जाता है। ये सब एक साथ मिलकर बहुत सारे घोंसले बनाते हैं, जिसे अरिबदास कहते हैं।

🐢समुद्री कछुओं को हर कुछ मिनट में सांस लेने के लिए पानी के ऊपर आना होता है। जब वे आराम कर रहे होते हैं, तो वे दो घंटे तक बिना सांस लिए पानी में रह सकते हैं।

🐢समुद्री कछुए खाने और अंडे देने के लिए कई सौ किलोमीटर तक तैर सकते हैं। कभी-कभी तो, वे इससे भी लंबी दूरी तय कर लेते हैं।

पालतू कछुआ क्या खाता है? | How big do turtles get?


🐢समुद्री कछुओं के दांत नहीं होते। वे अपने भोजन को पकड़ने के लिए चोंच जैसे मुंह का इस्तेमाल करते हैं। यह चोंच केराटिन से बनी होती है, वही चीज़ जिससे हमारे बाल और नाखून बनते हैं।

🐢समुद्री कछुए के बच्चों का लिंग घोंसले के तापमान पर निर्भर करता है। अगर घोंसला ठंडा है, तो ज़्यादातर बच्चे नर होंगे और अगर घोंसला गरम है, तो ज़्यादातर बच्चे मादा होंगी। इसीलिए मौसम में बदलाव से इनकी आबादी घट-बढ़ सकती है, क्योंकि ज़्यादा गर्मी से ज़्यादा मादा पैदा होंगी और नर कम, जिससे बच्चों की पैदाइश पर असर पड़ेगा। अगर तापमान ठीक-ठाक रहता है, तो नर और मादा बराबर पैदा होंगे।

🐢कछुओं को दिशाओं का बड़ा सही अंदाज़ा होता है, क्योंकि वे धरती के चुम्बकीय क्षेत्र को समझ लेते हैं और इसका इस्तेमाल रास्ता खोजने में करते हैं।

🐢समुद्री कछुओं के खोल पर छोटी-छोटी रेमोरा (Remora) मछलियाँ चिपकी रहती हैं। ये मछलियाँ कछुए के खाने के बाद बचे हुए टुकड़े खाकर पेट भरती हैं। इससे कछुए और मछली, दोनों को फायदा होता है; यह एक तरह का दोस्ताना रिश्ता है।

🐢कछुए के बाहरी कान तो नहीं होते, पर वो सुन ज़रूर सकते हैं! उनके शरीर के अंदरूनी कान होते हैं, अक्सर सिर के पीछे, जिससे उन्हें धड़कन महसूस होती है और आवाज़ भी पता चलती है।

🐢कछुए ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका को छोड़कर हर जगह पाए जाते हैं।

🐢कछुए लंबे समय तक बिना कुछ खाए रह सकते हैं। वे बिना कुछ खाए छह महीने से तीन साल तक जिंदा रह सकते हैं, अगर उन्हें पीने के लिए पानी मिले तो।

सबसे तेज़ दौड़ने वाला कछुआ | 50+ Facts about turtles


🐢कछुए भी बोलते है। कुछ तो ऐसे बोलते हैं जैसे बिजली की मोटर चल रही हो, कुछ इंसानों की तरह डकारते हैं और कुछ तो कुत्तों की तरह भौंकते हैं। और साउथ अमेरिका में एक लाल पैरों वाला कछुआ है, वो बिलकुल मुर्गे की तरह कुड़-कुड़ करता है।



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🐢कछुओं के पिछले पैरों की उंगलियों पर छोटे-छोटे छेद होते हैं। वे सूंघ और चख भी सकते हैं! इससे उन्हें खाना ढूंढने और खतरे से बचने में मदद मिलती है।

🐢कछुए का खोल उसे बचाता तो है, लेकिन कभी-कभार ये टूट-फूट भी जाता है। कमाल की बात है कि ये खुद ही ठीक भी हो जाता है! हाँ, थोड़ा समय लगता है, पर जो हिस्सा खराब होता है, वो धीरे-धीरे कैल्शियम और बाकी चीजों से भर जाता है और ठीक हो जाता है।

🐢चमड़े की पीठ वाले समुद्री कछुए (Leatherback Sea Turtle) तो 100 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा स्पीड से तैर सकते हैं। ये किसी तेज कबूतर से भी ज्यादा तेज हुआ।

कछुआ कैसे सांस लेता है | Turtle shell facts


🐢कछुए सिर्फ रंग ही नहीं देखते, बल्कि उन्हें कुछ रंग पसंद भी आते हैं। लाल, नारंगी और पीला रंग उन्हें सबसे ज़्यादा पसंद आते हैं।

🐢गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार सबसे आलसी मीठे पानी का कछुआ है।

🐢कछुए जमीन पर धीरे चलते हैं। अगर वो जल्दी में भी हों, तो भी उनकी रफ़्तार 0.3 मील प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होती।

🐢ब्राज़ील में एक कछुआ 30 साल तक एक कमरे में बंद रहा, क्योंकि उसके मालिक को लगा कि वो कहीं भाग गया है। जब वो मिला, तो ज़िंदा था! शायद उसने कमरे की लकड़ी में रहने वाले दीमक खा लिए होंगे।


निष्कर्ष:
    कछुए कमाल के जीव हैं जो बहुत लंबे समय तक जीते हैं, कई तरह के होते हैं, और पर्यावरण के लिए बहुत ज़रूरी हैं। पर दुख की बात है कि इंसानों की वजह से उनके घर उजड़ रहे हैं, और इस वजह से वे खतरे में हैं। दुनिया में कई तरह के कछुए हैं जो शायद हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे।


        मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख कछुए (Turtle) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Turtle in Hindi यानी की कछुआ कितने साल जीता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
FreeFactBaba October 23, 2025
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     इस आर्टिकल में हम जानेंगे भारत देश (India)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About India in Hindi के बारे में जानेंगे।


     भारत, जिसे इंडिया भी कहते हैं, साउथ एशिया का एक बड़ा और लोकतांत्रिक देश है। ये दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और अपनी शानदार संस्कृति, विविधता और पुराने इतिहास के लिए प्रख्यात है। अगर जगह की बात करें तो यहाँ हिमालय के ऊँचे पहाड़ों से लेकर हिंद महासागर के किनारे तक फैला हुआ है, जिसमें रेगिस्तान, खेती के मैदान, पठार और घने जंगल शामिल हैं।

भारत देश की विविधता क्या है? History Of India

🇮🇳भारत के कुछ पुराने और खास नाम हैं - भारतवर्ष, जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, हिंदुस्तान और इंडिया। ये सब नाम अलग-अलग वक्त में आए, अलग-अलग भाषाओं और राजाओं के चलते। जैसे भारतवर्ष नाम राजा भरत से जुड़ा है, जम्बूद्वीप एक पुराना भूगोलिक नाम है, आर्यावर्त का मतलब है 'आर्यों की धरती', हिंदुस्तान सिंधु नदी से आया है और इंडिया नाम अंग्रेजों ने दिया था।

🇮🇳भारत को किसी एक आदमी ने नहीं खोजा था. ये सोचना गलत है क्‍योंकि भारत तो हजारों सालों से है. हाँ, 1498 में पुर्तगाल का नाविक वास्‍को डी गामा पहला यूरोपियन था जिसने यूरोप से भारत तक समुद्री रास्‍ता ढूँढा था।

🇮🇳भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत है। संस्कृत को सब भाषाओं की माता माना जाता है, क्योंकि ये कंप्यूटर के लिए एकदम ठीक भाषा है।

🇮🇳भारत ने पिछले 1,00,000 सालों के इतिहास में कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया।

🇮🇳दुनिया की सबसे पहली विश्वविद्यालय, तक्षशिला, भारत में 700 ईसा पूर्व में बनी थी।

🇮🇳भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।और ये क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। साथ ही, ये सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है।

🇮🇳बैली पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है। ये हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरू नदी के बीच लद्दाख घाटी में है। इसे भारतीय सेना ने अगस्त 1982 में बनाया था।

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🇮🇳योग की शुरुआत भारत में आज से लगभग 5000 साल पहले हुई थी।

50+ भारत देश के बारे मे रोचक तथ्य | Facts About India

🇮🇳शून्य (0- Zero) की खोज भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने की थी।

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🇮🇳शतरंज, जिसे हम चेस (Chess )कहते हैं, उसकी शुरुआत भारत में 1500 साल पहले हुई थी। पहले इसे 'चतुरंग' बुलाया जाता था।

🇮🇳सांप सीढ़ी का खेल 13वीं सदी में संत ज्ञानदेव ने बनाया था. पहले इसे मोक्षपट कहते थे. इसमें जो सीढ़ियां हैं, वो समझो कि अच्छी चीज़ें हैं और सांप बुरी चीज़ें. इसे कौड़ियों और पासे से खेलते थे. बाद में इसमें कई बदलाव हुए, पर इसका मतलब वही रहा कि अच्छे काम करने से स्वर्ग मिलता है और बुरे काम करने से बार-बार जन्म लेना पड़ता है।

🇮🇳गणित के ये हिस्से - बीजगणित (Algebra) , त्रिकोणमिति (Trigonometry) और कलन (Calculus)  - सब भारत में ही शुरू हुए थे।

🇮🇳भारत में ही 'स्थान मूल्य प्रणाली' (Place Value System) और 'दशमलव प्रणाली' (Decimal System) जैसी चीजें भी बनीं।

🇮🇳शर्ट में जो बटन लगते हैं, उसका भी भारत में 5000 साल पहले आविष्कार हुआ था।

🇮🇳भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा पोस्ट ऑफिस हैं। यहां तक कि श्रीनगर की डल झील में भी एक तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस है।

🇮🇳दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में चायल नाम की जगह पर है। इसे 1893 में समुद्र तल से लगभग 2444 मीटर ऊपर बनाया गया था।

🇮🇳दुनिया का पहला ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर है। इसके शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के पत्थरों से बने हैं। राजा राज चोल के समय में यह शानदार मंदिर सिर्फ 5 सालों में (1004 ईस्वी और 1009 ईस्वी के बीच) बना था।

भारत देश का इतिहास | Indian Culture Facts

🇮🇳भारतीय रेल देश में सबसे ज़्यादा लोगों को नौकरी देने वाली कंपनी है। इसमें दस लाख से ज़्यादा लोग काम करते हैं। हर दिन, भारतीय रेल में जितने लोग सफर करते हैं, वो ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर है।

🇮🇳राजस्थान में करणी माता का मंदिर है, जहाँ बहुत सारे चूहे रहते हैं। लोग उन्हें अपने पुरखे मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

🇮🇳भारत में अब 6,884 ऐसे अमीर लोग हैं जिनके पास 30 मिलियन डॉलर से ज़्यादा की संपत्ति है, और करीब 140 अरबपति भी हैं। इस वजह से, अरबपतियों के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है - पहले दो नंबर पर अमेरिका और चीन हैं।

🇮🇳बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय प्राणी है. इसे 1972 में भारत का प्रतीक माना गया. कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में ये सबसे ज़्यादा पाए जाते हैं, जहाँ लोग इन्हें देखने आते हैं. इसके बाद कर्नाटक का बांदीपुर नेशनल पार्क है. और हाँ, सफ़ेद बाघ सिर्फ भारत में ही मिलते हैं. ये बंगाल टाइगर की ही एक प्रजाति हैं, लेकिन रंग की वजह से अलग दिखते हैं. अक्सर ये बंगाल टाइगर से थोड़े बड़े होते हैं।

🇮🇳भास्कराचार्य ने तो खगोलशास्त्र शुरू होने से भी बहुत पहले पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में कितना समय लगता है, ये एकदम सही बता दिया था। उनके हिसाब से पृथ्वी 365.258756484 दिनों में सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है।

🇮🇳आयुर्वेद, जो इंसानियत को पता है, इलाज का सबसे पुराना तरीका है। चरक, जिन्हें विज्ञान की इस शाखा का पिता माना जाता है, उन्होंने लगभग 2500 साल पहले इसे एक साथ जोड़ा था।

🇮🇳महर्षि सुश्रुत सर्जरी के पिता माने जाते हैं। करीब 2600 साल पहले सुश्रुत और उनके साथियों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया, नकली अंग लगाए, ऑपरेशन से बच्‍चे निकाले, टूटी हड्डियों को जोड़ा, मूत्राशय की पथरी ठीक की, प्लास्टिक सर्जरी की और दिमाग के ऑपरेशन भी किए।

भारतीय संस्कृति और परंपरा | Famous tourist places in India

🇮🇳भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में निश्‍चेतक का इस्तेमाल अच्छी तरह से जाना जाता था। पुराने भारतीय ग्रंथों में शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान जैसे विषय भी मिलते हैं।

🇮🇳भारत 17वीं सदी की शुरूआत तक, अंग्रेजों के आने से पहले, एक अमीर देश था। क्रिस्टोफर कोलंबस भारत की समृद्धि से इतना प्रभावित था कि वह यहां आने का समुद्री रास्‍ता ढूंढने निकला, लेकिन गलती से उसने अमेरिका ढूंढ लिया।

🇮🇳भारतीय गणितज्ञ बुधायन ने 'पाई' (π= 3.14 or 22/7) की कीमत का पता लगाया था, और जिस बात को समझाया, उसे पाइथागोरस प्रमेय कहते हैं। उन्होंने यह खोज यूरोप के गणितज्ञों से बहुत पहले, छठी शताब्दी में ही कर ली थी।

🇮🇳भारत में चार धर्मों - हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख - का उदय हुआ, और दुनिया की 25% आबादी इन्हें मानती है।जैन धर्म लगभग 600 ईसा पूर्व और बौद्ध धर्म लगभग 500 ईसा पूर्व में भारत में शुरू हुआ। सिख धर्म की शुरुआत पंजाब के अमृतसर शहर में हुई थी। यहीं पर मशहूर स्‍वर्ण मंदिर 1577 में बना था।

🇮🇳भारत में इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, और ये पूरी दुनिया में भी इसी नंबर पर आता है। पता है, इंडिया में 3 लाख मस्जिदें हैं! ये तो किसी भी देश से ज़्यादा हैं, मुस्लिम देशों से भी।

🇮🇳तिरुपति में विष्‍णु जी का मंदिर है, जो दसवीं सदी में बना था। ये दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक जगह है। रोम और मक्‍का से भी बड़ा, यहां हर दिन करीब 30 हजार लोग आते हैं और लगभग 60 लाख डॉलर का चढ़ावा आता है।

🇮🇳लगभग 6000 साल पहले सिंधु नदी में जहाजों और नावों का इस्तेमाल शुरू हुआ। 'नौवहन' शब्द संस्कृत के 'नावा गाठी' से आया है, और 'नौसेना' शब्द भी संस्कृत के 'नोउ' से निकला है।

🇮🇳भारत 90 देशों को सॉफ्टवेयर बेचता है।

🇮🇳वाराणसी, जिसे बनारस भी कहते हैं, बहुत पुराना शहर है। बुद्ध भगवान भी 500 बीसी में यहां आए थे और आज भी यह दुनिया का सबसे पुराना और लगातार चलता रहने वाला शहर है।

भारतीय संस्कृति | Technology development in India

🇮🇳औरंगाबाद से चार घंटे की दूरी पर, महाराष्ट्र में लोनार झील है। ये झील लगभग 52,000 साल पहले एक उल्कापिंड के गिरने से बनी थी, और ये महाराष्ट्र के सबसे छुपे हुए खजानों में से एक है।

🇮🇳कबड्डी की शुरुआत भारत में हुई थी, और भारतीय कबड्डी टीम ने सारे 5 वर्ल्ड कप जीतकर दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं हैं। और हाँ,  महिला कबड्डी टीम ने भी सारे वर्ल्ड कप जीते हैं, बिना हारे।

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🇮🇳ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। बहुत से लोग इसे महल समझते हैं, पर सच तो यह है कि यह एक मकबरा है। मुगल बादशाह शाहजहां ने इसे अपनी बीवी की याद में बनवाया था। इसका काम 1632 से 1653 के बीच चला। यह अपनी सुंदरता और बढ़िया कारीगरी के लिए विख्यात है। यूनेस्को ने इसे 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया था।

🇮🇳अमेरिका के बाद भारत में सबसे ज़्यादा अंग्रेजी बोलने वाले लोग हैं, लगभग 10% आबादी। और मज़े की बात ये है कि आने वाले 10 सालों में ये संख्या चार गुना तक बढ़ सकती है।

🇮🇳1963 में, इसरो (ISRO) ने अपना पहला रॉकेट आज के त्रिवेंद्रम के पास थुम्बा में एक चर्च से लॉन्च किया था। मज़े की बात है कि रॉकेट को साइकिल पर ले जाया गया था। बाद में, जहाँ से ये लॉन्च हुआ, उस जगह का नाम विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) रख दिया गया।

🇮🇳भारत में करीब 90,000 किस्म के जानवर हैं। इसमें 350 से ज़्यादा तो स्तनधारी हैं, 1,200 तरह की पक्षी हैं और 50,000 प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं।

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🇮🇳भारत में मिलने वाले 109 तरह के मसालों में से 75 यहीं उगाए जाते हैं। इसलिए, मसाला बनाने के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है।

🇮🇳भारत में शैम्पू का आविष्कार आज के तरल पदार्थ वाले शैम्पू से नहीं, बल्कि जड़ी-बूटियों से हुआ था। 'शैम्पू' शब्द संस्कृत के 'चंपू' से आया है, जिसका मतलब है मालिश करना।

🇮🇳सितंबर 2009 में, भारत के इसरो (ISRO) के चंद्रयान-1 ने अपने खास उपकरण 'मून मिनरलॉजी मैपर' से चांद पर पहली बार पानी खोजा था।

🇮🇳भारत दुनिया का पहला देश था जिसने चीनी (Sugar) बनाने और उसे साफ करने का तरीका निकाला। बहुत से विदेशी लोग यहाँ आए और भारत से सीखा कि चीनी कैसे बनाते हैं और उसे कैसे शुद्ध करते हैं।

             + बोनस जानकारी +

🇮🇳भारत के प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ मेला इतना विशाल होता है कि इसका आकार अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है।

🇮🇳चुंबकीय पहाड़ी (Magnetic Hill) ये भारत में लद्दाख के पास लेह में है। लेह-कारगिल रोड (NH-1) पर ये लेह से करीब 30 किलोमीटर दूर है। इसे 'Gravity Hill' भी कहते हैं, पर असल में ये आंखों का धोखा है। यहां का जो इलाका है न, वो ऐसा है कि गाड़ियां ऊपर चढ़ती हुई दिखती हैं, जबकि वो नीचे ही जा रही होती हैं।

🇮🇳गुजरात के गिर जंगल के बीच बानेज नाम के एक गांव में महंत भरतदास रहते हैं, वे भारत के खास मत हैं। सिर्फ एक मत के लिए अलग से पोलिंग बूथ बनाना दिखाता है कि भारत देश लोकतंत्र को कितना मानता है।

🇮🇳महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गाँव 300 साल पुरानी एक कहानी की वजह से मशहूर है। यहाँ हर दिन 40,000 से ज़्यादा लोग आते हैं। मज़े की बात ये है कि यहाँ घरों और दुकानों में दरवाजे-ताले नहीं लगते। लोग आराम से सोते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि भगवान शनि इस गाँव की रक्षा करते हैं।

🇮🇳उत्तराखंड में एक झील है, रूपकुंड, जिसे कंकाल झील भी कहते हैं। ये जगह इसलिए जानी जाती है क्योंकि इसके आसपास और झील के नीचे सैकड़ों इंसानों के कंकाल मिले हैं।

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🇮🇳कुछ खबरों की मानें तो, भारतीय लोग दिवाली पर पटाखे फोड़ने में हर साल करीब 3000 करोड़ रुपये उड़ा देते हैं।

निष्कर्ष:
     भारत में पुरानी संस्कृति और नया विकास साथ-साथ चलते हैं। ये एक ऐसा देश है जो हमेशा बदल रहा है और अपनी मुश्किलों से जूझते हुए दुनिया में एक ताकतवर देश बनता जा रहा है।

     मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख भारत देश (India) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About India in Hindi यानी की भारत देश कैसा है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।

FreeFactBaba October 21, 2025
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 इस आर्टिकल में हम जानेंगे गुगल (Google)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Google in Hindi के बारे में जानेंगे।


     गूगल दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सर्च इंजन ( Search Engines) है। ये सिर्फ सर्च इंजन नहीं, बल्कि अमेरिका की एक बहुत बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी भी है जो इंटरनेट से जुड़े काम करती है।


गूगल को किसने बनाया था? History Of Google 


🔍गूगल की शुरुआत 4 सितंबर, 1998 को हुई थी।स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे लैरी पेज (Larry Page) और सर्गेई ब्रिन (Sergey Brin) ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी।


🔍इसका सीधा सा मतलब है कि ये दुनिया भर की जानकारी को सही तरीके से जमा करके सबको आसानी से मिल जाए और काम आ सके, यही चाहते हैं।


🔍गूगल का पहला ऑफिस कैलिफ़ोर्निया के मेनलो पार्क में एक गैराज था, ये गैराज यूट्यूब की पुरानी सीईओ सुसान वोज्स्की से किराए पर लिया गया था।


🔍गूगल के पहले कर्मचारी क्रेग सिल्वरस्टीन थे, जो बाद में गूगल में चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर बने।


🔍दुनिया भर के सर्च इंजन में इसका दबदबा है, और हर सेकंड हजारों लोग इस पर कुछ न कुछ खोजते रहते हैं।


🔍भारत में, आईपीएल और टी20 वर्ल्ड कप जैसे विषयों को खूब खोजा जाता है।


गूगल का इतिहास | Facts about Google


🔍गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं है, बल्कि ये एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम (Android Operating System) , जीमेल (Gmail), यूट्यूब (Youtube), गूगल मैप्स (Google Maps), गूगल क्रोम ब्राउज़र (Google Chrome) और गूगल ड्राइव (Google Drive)जैसी कई लोकप्रिय सेवाएं भी देता है।


🔍गूगल का नाम पहले बैकरब था, जिसे बाद में बदलकर गूगल रखा गया. गूगल नाम, गूगोल से लिया गया है, जो एक बहुत बड़ी संख्या है जिसमें 100 शून्य होते हैं. यह नाम गूगल के डेटा को व्यवस्थित करने के बड़े लक्ष्य को दिखाता है।


🔍गूगल 80 से ज़्यादा भाषाओं में काम करता है, इसलिए ये दुनिया भर के लोगों के लिए आसानी से उपयोगी है।


🔍गूगल का पहला ट्वीट बाइनरी कोड में था, जिसका मतलब था "मैं भाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ" (I'm feeling lucky)। 


🔍गूगल इंडेक्स में पहले से ही 10 करोड़ जीबी से ज़्यादा डेटा है, और ये हर सेकंड लाखों पेज process कर सकता है।


🔍गूगल पर रोज लगभग साढ़े आठ अरब सर्च होते हैं! मतलब हर सेकंड में करीब 99,000 सर्च। और तो और, एक आदमी दिन में औसतन चार बार गूगल चलाता है।


🔍16 अगस्त, 2013 को गूगल बस 5 मिनट के लिए बंद हुआ था,तो उस समय पूरी दुनिया में इंटरनेट का इस्तेमाल 40% तक गिर गया था। इससे पता चलता है कि आज के समय में गूगल कितना ज़रूरी है।


🔍लगभग 15% सर्च ऐसे होते हैं जो पहले कभी गूगल पर नहीं किए गए। मतलब गूगल को हर दिन बहुत सारे नए सवाल मिलते हैं।


गूगल के बारे मे 50+ तथ्य | Google interesting facts


🔍आजकल लोग मोबाइल से ज़्यादा सर्च करते हैं, और गूगल इसमें सबसे आगे है। गूगल भी अब मोबाइल को ज़्यादा ध्यान दे रहा है। अमेरिका में गूगल पर जो ऑर्गेनिक सर्च होते हैं, उनमें से 63% मोबाइल से होते हैं।


🔍गूगल अर्थ 2001 में आया था, और आज ये धरती के 97% हिस्से को दिखा रहा है। भले ही बाकी के 3% में भी काफ़ी कुछ है, पर गूगल ने जितना कवर किया है, वो कमाल है।इतना ही नहीं, गूगल अर्थ अलग-अलग तरह के नक़्शे भी दिखाता है, जिससे आप दुनिया को और भी अच्छे से देख सकते हैं। ये सिर्फ़ भूगोल के दीवानों के लिए नहीं है, बल्कि इसे हर कोई आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।


🔍गूगल अर्थ का बढ़िया काम ये है कि ये सैटेलाइट और हवाई जहाज से ली गई फोटो को मिला देता है। इससे ये होता है कि आप बड़ी आसानी से दुनिया की मशहूर जगहों और दूर-दराज के इलाकों को कुछ ही सेकंड में देख सकते हो।


🔍गूगल का पहला एंड्रॉइड फ़ोन, टी-मोबाइल जी1 (एचटीसी ड्रीम), 2008 में आया था।


🔍गूगल में एक समय "20% टाइम" नाम की चीज़ होती थी। इसमें कर्मचारियों को अपने काम के समय का 20% अपनी पसंद के प्रोजेक्ट पर लगाने को कहा जाता था। इसी की वजह से जीमेल और गूगल न्यूज़ जैसी सेवाओं का आविष्कार हुआ।


🔍गूगल का एक अजीब डोमेन है 1e100.net, ये आपको इंटरनेट इस्तेमाल करते वक़्त दिख सकता है. 1e100 का मतलब है 1 के बाद 100 शून्य, और गूगल इसे ऐसे ही बुलाता है – ये गूगल नाम से ही आया है।


🔍जब आप गूगल पर GOOGLE सर्च करते हैं, तो 16% से ज़्यादा लोग अमरीका से होते हैं।


गूगल की कमाई कैसे होती है? | Information about Google


🔍ज़्यादातर लोगों को लगता है कि गूगल की तरक्की में बस Google Chrome का ही हाथ है। पर ऐसा नहीं है! गूगल के पास 271 से भी ज़्यादा सेवाएं हैं।


🔍Google Lens पर एक अरब से भी ज़्यादा खोजें होती हैं।


🔍Google Cloud सर्विस हर साल 8 बिलियन डॉलर से ज़्यादा कमाती है।


🔍गूगल पर सबसे ज़्यादा लोग Facebook के बारे में सर्च करते हैं।


🔍गूगल विज्ञापनों से हर साल 110 बिलियन डॉलर से भी ज़्यादा कमा लेता है।


🔍Gmail इस्तेमाल करने वालों की गिनती 1.5 अरब से ज़्यादा है।


🔍Google Photos सेवा को 1 अरब से ज़्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।


🔍2 अप्रैल, 2019 को गूगल ने Google + को इसलिए बंद कर दिया क्योंकि लोग उसमें कम इंटरेस्ट दिखा रहे थे।


🔍Google Maps को 5 अरब से ज़्यादा बार डाउनलोड किया गया है।


🔍गूगल पर चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे कई देशों में पाबंदी है। इसलिए इन देशों के अपने सर्च इंजन हैं जहाँ लोग जानकारी ढूंढ सकते हैं।


🔍गूगल ने अब तक 5,000 से ज्यादा डूडल बनाए हैं! आपने ध्यान दिया होगा, गूगल अक्सर अपने लोगो (Logo )को बदलकर कुछ मजेदार चित्र लगा देता है।


🔍सन् 2000 में, गूगल ने एडवर्ड्स (Adwords )शुरू किया, जिससे विज्ञापन देने वाले लोग अपने विज्ञापन दिखा सकते थे।



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🔍1997 में गूगल अपना सर्च इंजन Yahoo को 20 लाख डॉलर में बेचना चाहता था. पर Yahoo ने पहले मना कर दिया। बाद में, 2002 में Yahoo ने फिर से सोचा और 30 लाख डॉलर का ऑफर दिया। लेकिन गूगल ने तब मना कर दिया। आज के समय में याहू, गूगल के सामने कहीं नहीं टिकता। सोचो, अब उन्हें अपने फैसले पर कितना अफ़सोस हो रहा होगा।


🔍सबसे पहले Google ने ही ये किया था कि अपने कर्मचारियों को मुफ़्त में खाना दिया और कहा कि वो अपने कुत्ते भी ऑफ़िस ला सकते हैं। और हाँ, Google अपने ऑफ़िस के आस-पास की घास काटने के लिए मशीनों की जगह बकरियाँ किराए पर लेता है, जिससे माहौल भी अच्छा रहता है!


🔍अगर आप गूगल पर do a barrel roll सर्च करोगे, तो पूरा पेज घूम जाएगा!


🔍जो लोग कुछ अलग अनुभव करना चाहते हैं, उनके लिए गूगल ने अपने सर्च इंजन का एक मिरर वर्ज़न गूगल मिरर (elgooG) बनाया है। इसे यूज़ करने पर सब कुछ उल्टा दिखाई देता है। यह एक मज़ेदार ब्राउज़िंग एक्सपीरियंस है और दुनिया को देखने का एक नया नज़रिया देता है।


🔍अगर तुम 466453.com पर जाओगे, तो सीधा Google के होमपेज पर पहुँच जाओगे। वजह ये है कि गूगल ने ये डोमेन नेम भी खरीद लिया है। असल में, मोबाइल के कीपैड पर Google लिखने के लिए 466453 टाइप करना होता है। मान लो, गलती से तुमने नंबर सेलेक्ट कर लिया है और तुम google लिखना चाहते हो, तो Google की जगह 4666666455533 टाइप हो जाएगा। इसीलिए गूगल ने www.466453.com भी खरीद लिया है।


🔍गूगल में askew सर्च करने पर, स्क्रीन थोड़ी सी दाईं तरफ झुक जाती है।


गूगल क्या है? | Google facts in hindi


🔍गूगल हर सेकंड लगभग 16 लाख रुपये कमा लेता है, मतलब हर सेकंड उसकी झोली में लगभग 20 हजार डॉलर गिरते हैं।


🔍गूगल पर Chixuclub लिख कर सर्च करो, तो लगेगा जैसे ऊपर से एक बड़ा सा पत्थर गिर रहा है. पत्थर गिरते ही स्क्रीन ऐसे हिलेगी जैसे सच में आसमान से कोई चीज़ गिरी हो।


🔍गूगल पर 'Dart Mission' सर्च करो, तो स्क्रीन पर एक सैटेलाइट बाएं से दाएं जाती दिखेगी. थोड़ी देर में वो गायब हो जाएगी और गूगल थोड़ा टेढ़ा हो जाएगा. फिर सब कुछ टेढ़ा-टेढ़ा दिखेगा।


🔍गूगल पर Last of Us लिख कर सर्च करो, तो एक पेज खुलेगा. उस पेज पर नीचे की तरफ एक मशरूम दिखेगा. उस मशरूम को दबाओगे तो स्क्रीन पर फंगस दिखने लगेगा. जितनी बार मशरूम को दबाओगे, फंगस उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा।


🔍गूगल पर Google Gravity खोजो और I'm Feeling Lucky पर क्लिक करो. देखो, पेज के सारे आइटम ऐसे गिरेंगे जैसे ग्रेविटी उन्हें खींच रही हो! और मज़ा आयेगा अगर तुम उन्हें इधर-उधर खींचोगे।


🔍गूगल पे Google Sphere लिखो. फिर देखो, सर्च का पूरा पेज कैसे गोल-गोल घूमने लगेगा, जिसमें लिंक और फोटो सब होंगे।


🔍गूगल पर Google Underwater खोजो और पानी के अंदर तैरती मछलियों और चीजों से भरे पेज का मज़ा लो।


🔍गूगल में atari breakout खोजो, और तुम एक गेम खेल पाओगे।



निष्कर्ष:

          गूगल ने इंटरनेट को इस्तेमाल करने का तरीका ही बदल दिया। आजकल, ये हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गया है, जिससे जानकारी पाना बहुत आसान हो गया है। सीधे-सीधे कहें तो, गूगल ने डिजिटल दुनिया में जानकारी ढूंढने और लोगों को आपस में जोड़ने का तरीका बदल दिया है।



     मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख गूगल (Google) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Google in Hindi यानी की गूगल कैसे काम करता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।

FreeFactBaba October 10, 2025
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