इस आर्टिकल में हम जानेंगे चुंबक (Magnet )के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Magnet in Hindi के बारे में जानेंगे।
चुंबक एक ऐसी चीज़ है जो अपने आस-पास एक चुंबकीय क्षेत्र बनाती है और लोहा, निकल और कोबाल्ट जैसी धातुओं को अपनी ओर खींचती है। ये सच में कमाल की और काम की चीज़ है। चुंबक की इस खासियत को चुंबकत्व कहते हैं।
🧲यह एक लोह खनिज है, जो धरती पर कुदरती तौर पर मिलता है, और यह सबसे ज़्यादा चुंबक की तरह खींचने वाला खनिज है।
🧲चुंबक हमारी ज़िन्दगी में बहुत काम आते हैं, जैसे फ्रिज के दरवाज़े में, स्पीकर्स में, मोटर्स और जेनरेटर में, और यहाँ तक कि हार्ड ड्राइव जैसे डेटा रखने वाले सामान में भी।
🧲चुंबक की खोज बहुत पहले हुई थी. करीब 2,500 साल पहले यूनानियों और चीनियों को मैग्नेटाइट नाम का एक खास पत्थर मिला था जिसमें कुदरती तौर पर चुंबक के गुण थे. कहानी है कि ग्रीस में एक मैग्नेस नामक चरवाहे ने देखा कि उसकी छड़ी का लोहे का सिरा इस पत्थर की ओर खिंच रहा है. इसलिए उस पत्थर का नाम चरवाहे के नाम पर मैग्नेटाइट रख दिया गया. बाद में, चीनियों ने इसी पत्थर से दिशा बताने वाला कंपास बनाया।
चुंबक कितने प्रकार के होते हैं | chumbak kya hai
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🧲1600 में, ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम गिल्बर्ट ने कृत्रिम चुंबक बनाया और यह दिखाया कि पृथ्वी भी एक बड़ा चुंबक है।
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🧲1820 में, ओर्स्टेड ने ये पता लगाया कि बिजली का करंट मैग्नेटिक फील्ड बना सकता है, और यहीं से इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म का अभ्यास शुरू हुआ।
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🧲साल 1826 मे विलियम स्टर्जन ने पहला इलेक्ट्रोमैग्नेट बनाया।
🧲हर चुंबक में एक उत्तरी और एक दक्षिणी सिरा होता है। अलग-अलग सिरे, मतलब उत्तरी और दक्षिणी, एक-दूसरे को खींचते हैं, और एक जैसे सिरे एक-दूसरे को दूर धकेलते हैं।
🧲 हमारी पृथ्वी एक बड़े चुंबक की तरह काम करती है। पृथ्वी का अंदरूनी हिस्सा एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है, जिससे हमें कंपास से दिशा का पता चलता है।
🧲चुंबक हमेशा के लिए चुंबक नहीं रहते। अगर चुंबक गिर जाए या उसे गरम कर दो, तो उसकी चुंबक वाली ताकत खत्म हो सकती है।
प्राकृतिक चुंबक किसे कहते हैं | what is magnetic
🧲चुम्बक कागज, प्लास्टिक और कांच जैसी चीजों को खींच या धकेल सकता है। इसीलिए चुम्बक से जुड़ी पढ़ाई-लिखाई में यह देखना दिलचस्प होता है कि चुम्बक कितनी परतों के पार जा सकता है।
🧲इंसान कुदरती तौर पर चुम्बकीय क्षेत्र को महसूस नहीं कर सकते, लेकिन कई जानवर कर लेते हैं। इस खास ताकत को मैग्नेटोरिसेप्शन कहते हैं। इससे मछली, सांप, मेंढक, पक्षी और कुछ स्तनधारी जीव पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को पहचान पाते हैं और इसका इस्तेमाल रास्ते खोजने में करते हैं। जैसे, पक्षियों की आँखों में क्रिप्टोक्रोम नाम का एक प्रोटीन होता है, जो उन्हें चुम्बकीय क्षेत्र को देखने या महसूस करने की ताकत देता है। ये हुनर खासतौर पर प्रवासी पक्षियों जैसे कि होमिंग कबूतरों के बहुत काम आता है। ये शानदार कुदरती बदलाव दिखाता है कि चुम्बकीय क्षेत्र का धरती पर ज़िंदगी पर कितना गहरा असर पड़ता है, और ये चुम्बकत्व का एक और गजब पहलू है।
facts about magnets | 10 interesting facts about magnets
चुंबक के मुख्य 3 प्रकार
1. अस्थायी चुंबक (Temporary Magnets):
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🧲अस्थायी चुंबक तब चुंबक बन जाते हैं जब आप उन्हें चुंबक के पास रखते हैं, लेकिन जैसे ही चुंबक हटाते हैं, वे धीरे-धीरे अपनी चुंबकत्व खो देते हैं। लोहे या लोहे से बनी चीजें, जैसे कीलें और पेपर क्लिप, अस्थायी चुंबक की तरह काम कर सकती हैं। इन्हें अस्थायी इसलिए कहते हैं क्योंकि ये आसानी से चुंबक बन जाते हैं, क्योंकि ये नरम लोहे से बने होते हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि इन्हें चुंबक बनाना जितना आसान है, चुंबक को हटाकर इन्हें बिना चुंबक का बनाना भी उतना ही आसान है। इनका इस्तेमाल छोटी-मोटी चीजों के लिए होता है, जैसे पेपर क्लिप और कीलें।
2. स्थायी चुंबक ( permanant magnets):
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🧲स्थायी चुंबकों का चुंबकीय क्षेत्र उनके अंदर की बनावट की वजह से बनता है। मतलब, परमाणु के चारों ओर घूमने से ये क्षेत्र बनता है। चुंबक के कण खुद चुंबकीय क्षेत्र को रोकते हैं। तो, स्थायी चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र इलेक्ट्रॉन स्पिन, नाभिकीय स्पिन और इलेक्ट्रॉनों की कक्षा का जोड़ होता है। अस्थायी चुंबक बनाने से ज्यादा मुश्किल है स्थायी चुंबक बनाना। पर एक बार बन गए, तो ये आसानी से अपनी मैग्नेटिज्म नहीं खोते। इनको बाहर से कुछ देने की भी जरूरत नहीं होती, जिससे ये स्पीकर, कार, हार्ड ड्राइव, सेंसर, हेडफ़ोन या इयरफोन, सेल फ़ोन वगैरह जैसे कई चीजों के लिए बढ़िया रहते हैं।
3. विद्युत चुंबक ( electric magnets):
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🧲विद्युत चुंबक को बनाने के लिए बिजली की जरूरत होती है। ये चुंबक कितने शक्तिशाली होंगे और कैसे काम करेंगे, ये बात इनके बनावट पर तय करती है, जो कि स्थायी चुंबक से अलग होती है। इसे बनाने के लिए हमें तीन चीजें चाहिए: जैसे लोहा, तांबे का तार (जिससे लोहे को लपेटा जा सके), और तार में बिजली भेजने के लिए एक स्रोत, जिससे आसपास चुंबकीय क्षेत्र बने।हम बिजली की मात्रा बदलकर इसकी शक्ति को बदल सकते हैं। अगर बिजली बंद कर दी जाए तो यह चुंबक की तरह काम करना बंद कर देगा। इसका इस्तेमाल MRI मशीन, इंडक्शन कुकर, लाउडस्पीकर और कई तरह के लॉक वगैरह में होता है।
interesting facts about magnetism | विद्युत चुंबक की खोज किसने की थी?
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🧲निओडिमियम चुंबक दुनिया के सबसे ताकतवर चुंबक होते हैं। इनमें इतना जोरदार चुंबकीय खिंचाव होता है कि ये बीच में आने वाली चीज़ों को तोड़-फोड़ सकते हैं। जिसे चुंबक का राजा कहा जाता है।
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🧲मैग्लेव ट्रेनें चुंबक के जादू का कमाल हैं! ये पटरियों पर दौड़ती नहीं, बल्कि शक्तिशाली चुंबकों की मदद से हवा में उड़ती हैं। और क्योंकि इनमें रगड़ नहीं होती, इसलिए ये 600 किमी/घंटे से भी तेज दौड़ सकती हैं।
+ बोनस जानकारी +
🧲मंगल ग्रह और पृथ्वी के चंद्रमा पर पुरानी चुम्बकत्व के निशान मिले हैं, जिससे पता चलता है कि ये चीजें पूरे ब्रह्माण्ड में फैली हुई हैं।
🧲अंतरिक्ष यान में चुंबक बहुत काम आते हैं, जैसे कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को सही रास्ते पर दिशा दिखने में मदद करता है।
🧲क्वांटम यांत्रिकी के हिसाब से, विद्युत चुंबकीय क्षेत्र सिर्फ चीजों के बीच में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हर जगह फैली हुई है।
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🧲मैग्नेटार न्यूट्रॉन तारे की एक खास किस्म है और इनका चुंबकीय क्षेत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है।
what are magnetic fields | चुंबक के बारे मे रोचक जानकारी
चुंबक अपनी खींचने की ताकत के कारण कई तरह के कामों में आते हैं, चाहे वो घर के हों या कारखानों के। इनकी ताकत इस बात पर टिकी होती है कि चुंबक के अंदर कितने इलेक्ट्रॉन एक ही दिशा में हैं।
मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख चुंबक (Magnet)के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Magnet in Hindi यानी की चुंबक (Magnet) कैसे बनता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
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