इस आर्टिकल में हम जानेंगे गिलहरी (Squirrel)के बारे मे रोचक जानकारी Interesting Facts About Squirrel in Hindi के बारे में जानेंगे।
गिलहरी एक छोटा सा, फुर्तीला जानवर होता है जो ज़्यादातर पेड़ों पर ही दिखता है। इसकी पूंछ लंबी और घनी होती है, जिससे इसे बैलेंस बनाने और बात करने में मदद मिलती है। गिलहरी बहुत चालाक होती है और चीज़ें छुपाकर रखने की आदत के लिए जानी जाती है। इससे धरती पर बीज फैलते हैं और नए पौधे उगते हैं। ये बीज, फल, नट और कीड़े वगैरह खाती है, मतलब ये शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होती है।
गिलहरी की विशेषताएं क्या है? Types of squirrels
🐿️गिलहरी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है, जहाँ इसे 'छाया पूँछ' कहा जाता था। जितनी भी पेड़ पर रहने वाली गिलहरियाँ हैं, वो सब 'साइउरस' परिवार से हैं। 'साइउरस' शब्द ग्रीक के दो शब्दों - 'स्किया' (छाया) और 'ओउरा' (पूँछ) - को मिलाकर बना है। ऐसा कहा जाता है कि ये नाम इसलिए रखा गया क्योंकि पेड़ वाली गिलहरियाँ अक्सर अपनी लंबी और घनी पूँछ की छाया में छिप जाती हैं।
🐿️गिलहरी परिवार में स्तनधारियों की जितनी प्रजातियां हैं, उतनी शायद ही किसी और परिवार में हैं। इसमें 278 से ज़्यादा अलग-अलग तरह की गिलहरियाँ हैं, जो 51 समूहों में बंटी हुई हैं।
🐿️ गिलहरी ठंडे टुंड्रा से लेकर गरम वर्षावनों तक, हर जगह मिल जाती हैं। खेत हों, शहर हों या कोई रिहायशी इलाका, ये आपको हर जगह दिख जाएंगी।
🐿️गिलहरियाँ, आकार में काफ़ी अलग-अलग होती हैं। जो अफ़्रीका की छोटी गिलहरी होती है, वो बस 5 इंच (13 सेंटीमीटर) की होती है। पर जो भारत की बड़ी गिलहरी या चीन की लाल और सफ़ेद उड़ने वाली गिलहरी होती हैं, वो 3 फ़ीट (लगभग एक मीटर) से भी ज़्यादा लंबी होती है।
🐿️गिलहरियों के सामने के चार दाँत हमेशा बढ़ते रहते हैं, करीब 6 इंच हर साल। यही वजह है कि वो लगातार कुछ न कुछ कुतरती रहती हैं, वरना उनके दाँत बहुत जल्दी खराब हो जाएंगे।
🐿️आमतौर पर गिलहरियाँ अकेले ही रहती हैं, पर जब बहुत ठंड पड़ती है तो वे झुंड बनाकर एक साथ घोंसले में रहती हैं। गिलहरियों के झुंड को स्करी या ड्रे कहते हैं।
🐿️गिलहरी अपने मजबूत पैरों से अपने शरीर से दस गुना ज्यादा दूर तक कूद सकती है।
गिलहरी की आवाज कैसी होती है | Interesting facts about squirrels
🐿️गिलहरियाँ आपस में कई तरह की आवाज़ें निकालकर बातें करती हैं, जैसे कि चहचहाना या भौंकना। मज़े की बात तो ये है कि वो अपनी पूँछ का भी इस्तेमाल करती हैं! वो पूँछ हिलाकर दूसरी गिलहरियों को इशारा कर सकती हैं।
🐿️गिलहरी के पैरों में पसीने की ग्रंथियां होती हैं, और चाहे पैर पसीने से भरे हों या नहीं, वह 20 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।
🐿️Indian Palm Squirrel 48 km/h की रफ्तार से दौड़ सकती है।
🐿️गिलहरी अपनी सूंघने की तेज शक्ति से बर्फ के नीचे दबे अपने खाने को भी ढूंढ लेती है।
गिलहरी का वजन कितना होता है | What does a squirrel eat
🐿️गिलहरियाँ कभी-कभी दूसरे जानवरों को बेवकूफ बनाने के लिए नाटक करती हैं कि वो खाना छुपा रही हैं। वो खाली गड्ढे खोदती हैं और उन्हें पत्तों से ढक देती हैं ताकि कोई उनका असली खाना न चुरा ले।
🐿️गिलहरियाँ इधर-उधर खाना छुपाती तो हैं, पर उन्हें हमेशा याद नहीं रहता कि कहाँ गाड़ा था। जो बीज और फल उन्हें नहीं मिलते, उनसे नए पेड़ उग जाते हैं। इसलिए जंगल में पेड़ों को बढ़ाने में गिलहरियों का बड़ा हाथ होता है।
🐿️गिलहरी अपने शरीर के आकर से छह गुना ज्यादा वजन उठा सकती है।
🐿️गिलहरियाँ 50 से भी ज़्यादा पेड़ को पहचान सकती हैं।
🐿️मलेशिया में पाई जाने वाली विशाल गिलहरी अच्छे से तैर सकती है। ये बस नदी ही नहीं पार करतीं, बल्कि पानी में मछली भी पकड़ लेती हैं!
🐿️कुछ गिलहरी की जातियाँ शिकारी को चकमा देने के लिए मरने का नाटक करती हैं। ऐसे में शिकारी अकसर उन्हें छोड़ देते हैं, इसे thanatosis भी कहते हैं।
🐿️दक्षिण अमेरिका में गिलहरी की कुछ जातियाँ नर और मादा आपस में बात करने के लिए गाने गाती हैं। नर गिलहरी, मादा को लुभाने के लिए बढ़िया धुनें निकालता है।
गिलहरी के बारे में रोचक तथ्य | Squirrel scientific name
+ बोनस जानकारी +
🐿️ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका को छोड़कर, ये हर महाद्वीप पर पाई जाती हैं।
🐿️गिलहरियाँ बिजली की लाइनों को कुतरने में माहिर हैं। पिछले 30 सालों में, अमेरिका में बिजली गुल होने की कई घटनाओं के लिए इन्हें ही जिम्मेदार ठहराया गया है। यहाँ तक कि 1987 और 1994 में NASDAQ स्टॉक मार्केट को भी कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था, क्योंकि गिलहरियों ने तारों को काट दिया था। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के अनुसार, गिलहरियों ने हैकर्स से ज़्यादा बार पावर ग्रिड को बंद किया है।
🐿️टेक्सास में गिलहरियों का एक झुंड था, जो काली पूंछ वाले प्रेयरी डॉग्स थे। ये इलाका करीब 100 मील चौड़ा और 250 मील लंबा था। अनुमान है कि इसमें 40 करोड़ गिलहरियाँ रहती थीं।
🐿️1960 के दशक में रूस ने अंतरिक्ष में रिसर्च करते वक़्त गिलहरियों को ट्रेनिंग देने कि कोशिश की। वो देखना चाहते थे कि अंतरिक्ष में रहने से जीव-जंतुओं पर क्या असर होता है। भले ही ये Experiments उतने सफल नहीं रहे, पर इससे गिलहरियों के बारे में नई बातें पता चलीं।
🐿️अक्सर गिलहरियाँ अपनी पूंछ से हवा में हो रहे बदलाव को भांप लेती हैं। इसलिए कुछ लोग इन्हें weather detector भी कहते हैं, क्योंकि ये बारिश होने का अनुमान पहले से ही लगा लेती हैं।
निष्कर्ष:
गिलहरी एक छोटी, फुर्तीली और बुद्धिमान जीव है जो पेड़ों पर रहना पसंद करती है। यह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह बीजों को इधर-उधर ले जाकर नए पौधों के उगने में मदद करती है। गिलहरी की तेज़ गति, सतर्कता और मेहनती स्वभाव हमें सिखाता है कि जीवन में हमेशा सक्रिय, सजग और परिश्रमी रहना चाहिए।
मुझे उम्मीद है, की आपको यह लेख गिलहरी (Squirrel) के बारे मे रोचक जानकारी बहुत पसंद आया होगा, और अब आप Interesting Facts About Squirrel in Hindi यानी की गिलहरी का जीवन कैसा होता है? के बारे में पूरी तरह से जान चुके होंगे।
November 03, 2025
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